लखनऊ: राजधानी में क्रिकेट की एबीसीडी सीखकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे अक्शदीप नाथ को रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की पूरी तरह कप्तानी सौंपी गई है। वहीं सुरेश रैना विजय हजारे ट्रॉफी (वनडे) की कमान सुरेश रैना के हवाले की गई है। इसी के साथ टीम का कोच मंसूर अली को और बल्लेबाजी कोच पविंदर सिंह को बनाया गया है। सीनियर टीम का कैम्प कमला क्लब में 10 सितम्बर से लगने जा रहा है।

अक्शदीप ने क्रिकेट की बारीकियां एलडीए कोचिंग सेंटर में सीखीं। वर्ष 2005 में पहली दफा बीसीसीआई की जूनियर ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की तरफ से हिस्सा लिया। इसके बाद तो उत्तर प्रदेश के लिए विजय हृजारे, मुश्ताक अली ट्वेंटी-20, रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी खेल रहे हैं। उनमें नेतृत्व क्षमता भी कूट-कूट कर भरी है। वह रणजी ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी, मुश्ताक अली ट्रॉफी में कप्तानी कर चुके हैं। यही नहीं 2012 में अण्डर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के उपकप्तान थे। वह भारतीय जूनियर टीम की तरफ से आस्ट्रेलिया समेत कई देशों का दौरा कर चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह चौथा मौका है जब लखनऊ ने टीम को कप्तान दिया। इसके पूर्व 1968-69 में दिनेश नौटियाल कप्तान बने थे। उसके बाद 1971-72 में करीम चिश्ती को कप्तान बनाया गया। उसके बाद 1996 में ज्ञानेंद्र पाण्डेय को उत्तर प्रदेश का रणजी ट्रॉफी में कप्तान बनाया गया। उत्तर प्रदेश की टीम उनकी कप्तानी में 73 रणजी ट्रॉफी मैच खेली। उनके बाद अब अक्शदीप नाथ को कप्तान बनाया गया है।
इनके अलावा स्पोर्ट्स कॉलेज व स्पोटर्स हॉस्टल में रहे सुरेश रैना व आरपी सिंह को भी कप्तान बनाया गया। पर सुरेश रैना गाजियाबाद और आरपी सिंह रायबरेली के गिने जाते हैं।

‘मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मैं उत्तर प्रदेश की टीम का कप्तान बनाया गया हूं। मैं चयन समिति के फैसले पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा। यह हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह जिस टीम की तरफ से खेल रहा है कभी उसे उसका नेतृत्व करने का मौका मिले।’