मुंबई: शहरी नक्‍सल(अर्बन नक्‍सल) के आरोप में वामपंथियों की गिरफ्तारी पर बहस छिड़ी हुई है. देश का एक बड़ा तबका इस कार्रवाई को गलत बता रहा है. इसी बीच महाराष्‍ट्र के एडीजी (कानून और व्‍यवस्‍था) परमवीर सिंह ने इस कार्रवाई को जायज ठहराया है. उन्‍होंने कहा कि वामपंथियों के खिलाफ सबूत जुटाने के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.

एडीजी ने कहा कि हमें काफी ई-मेल और मैसेज मिले हैं. जांच में पता चला की माओवादी लगातार रोना विल्सन के संपर्क में थे. सरकार के खिलाफ, लॉ एंड ऑर्डर को खराब करने की तैयारी की जा रही थी. दो महीनों की जांच के बाद ही हमने सात आरोपियों के नाम जोड़े और 29 अगस्त को छापेमारी कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया. इनके पास से काफी माओवादी साहित्य भी बरामद हुआ है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी को घर में नजरबंद किया गया है.

एडीजी ने बताया कि हमें जांच में हजारोंं पत्र मिले हैं. पुलिस हर एक चिट्ठी को पढ़ रही है, जो सुधा ने कॉमरेड को लिखी है, जिसने कश्मीर में अलगाववादी लोगों से मुलाकात की थी. इस चिट्ठी में हथियार खरीदने की भी बात की गई है, जिसमें चार लाख कारतूस MP4 लाने को कहा गया है.

उन्‍होंंने कहा कि इस मामले से जुड़ी हर चिट्ठी को दिल्‍ली भेजा गया है. पुलिस लॉक्ड डिवाइज में विदेशी हथियारों को दिखा रहे हैं, जिसमें रॉकेट लॉन्‍चर, ऑटोमेटिक राइफल शामिल हैं.