नई दिल्ली: मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी ‘गौरव यात्रा’ के तहत शनिवार को बाड़मेर में जनसभा करने वाली हैं. इस बीच स्थानीय पुलिस ने सभा स्थल और यात्रा मार्ग के आसपास रहने वालों को कथित तौर पर पाबंद किया है कि जनसभा के दौरान किसी के घर की छत से काले झंडे दिखाए गए या मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी हुई तो इसके लिए जिम्मेदारी मकान मालिक की होगी. इस आशय का एक कथित नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुश्किल में घिरी पुलिस के आलाधिकारी मामले की जांच कराने की बात कर रहे हैं.

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मामले में राज्य सरकार व प्रशासन पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा, ‘‘हम किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ हैं लेकिन विरोध प्रदर्शन या काले झंडों को लेकर ऐसा रवैया बताता है कि सरकार कितनी डरी हुई है.’’
पायलट ने कहा, ‘‘राजे सरकार की नीयत खराब है और वह पूरी तरह दमनकारी नीति पर उतर आई है.’’

बता दें, मुख्यमंत्री राजे की गौरव यात्रा के दौरान पीपाड़ शहर में विरोध व पत्थरबाजी की कथित घटना हुई थी. इसको लेकर प्रदेश में बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. राजे इस यात्रा के तहत शनिवार को बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में सभा करने वाली हैं. कोतवाली पुलिस ने 28 अगस्त को सभास्थल के आसपास रहने वाले लोगों को पाबंद करते हुए एक कथित नोटिस उन्हें थमाया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस नोटिस पर कोतवाली के थानाधिकारी सुरेन्‍द्र कुमार के हस्‍ताक्षर हैं.

पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल ने भी मामले से अनभिज्ञता जारी करते हुए कहा कि वे इसकी जांच करवाएगें और कोई गलती पाए जाने पर जिम्‍मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

इस कथित नोटिस में लोगों से कहा गया है कि वे सभा के दौरान छतों पर नहीं जाएं. इसमें लोगों से कहा गया है कि वे वीआईपी कार्यक्रम का किसी भी प्रकार से विरोध नहीं करें अन्‍यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. जिसकी जिम्‍मेदारी उनकी स्‍वंय की होगी. पुलिस ने बकाया इस नोटिस की रिसीविंग भी ली.