नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को अडानी ग्रुप से जोरदार झटका लगा है। पतंजलि के रुचि सोया कंपनी को खरीदने के सपने पर गौतम अडानी ने पानी फेर दिया है। दरअसल, कर्ज में दबी कंपनी रुचि सोया के लेंडर्स की समिति ने 96 फीसदी मतदान के साथ अडानी विल्मर द्वारा लगाई गई बोली को मंजूरी दे दी है। रुचि सोया के लेंडर्स की मंजूरी के बाद पतंजलि को अडानी ग्रुप से जोरदार झटका लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 24 घंटे की वोटिंग प्रक्रिया के बाद लेंडर्स ने गौतम अडानी और सिंगापुर बेस्ड विल्मर के ज्वाइंट वेंचर अडानी विल्मर की बोली को मंजूरी दी थी।

लेंडर्स के फैसले को चुनौती देने के लिए पतंजलि आयुर्वेद ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पतंजलि ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई शाखा में लेंडर्स के फैसले का विरोध किया है। एनसीएलटी इस मामले पर 27 अगस्त को सुनवाई करेगा। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने आरोप लगाया है कि लेंडर्स ने पूरी प्रक्रिया को सही तरह से फॉलो नहीं किया है।

इसके पहले भी पतंजलि आयुर्वेद ने बोली प्रक्रिया में अडानी ग्रुप के शामिल होने को लेकर सवाल खड़े किए थे। पतंजलि ने रुचि सोया के रेजॉलुशन प्रफेशनल के सामने अडानी ग्रुप की योग्यता को लेकर सवाल खड़ा किया था। इसके अलावा पतंजलि द्वारा रेजॉलुशन प्रफेशनल से यह सवाल भी किया गया था कि आखिर किस आधार पर अडानी विल्मर को सबसे बड़ी बोली लगाने वाला घोषित किया गया है।

आपको बता दें कि रुचि सोया कंपनी को लेकर हुई बोली प्रक्रिया में फॉर्च्यून ब्रांड के तहत कुकिंग ऑयल बेचने वाली अडानी विल्मर की तरफ से लगाई गई 6,000 करोड़ रुपए की बोली को लेंडर्स की समिति द्वारा मंजूर कर लिया गया है। अब इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए रेजॉलुशन प्रफेशनल को एनसीएलटी की मंजूरी लेनी होगी। इस प्रक्रिया में बाबा रामदेव की पतंजलि 5,700 करोड़ की बोली के साथ दूसरे स्थान पर रही। पतंजलि ने रेजॉलुशन प्रफेशनल के कानूनी सलाहकार के तौर पर अमरचंद मंगलदास की नियुक्ति पर भी सवाल खड़े किए थे। पतंजलि ने कहा था कि अमरचंद अडानी ग्रुप के भी सलाहकार रह चुके हैं।