नई दिल्ली: राजस्थान की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आने वाले विधानसभा चुनावों में विरोधी लहर को साधने के लिए कुछ मंत्रियों समेत 60 फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है। पार्टी ने मूल्यांकन के लिए विधायकों के प्रदर्शन पर एक अंदरूनी सर्वेक्षण किया है। वर्तमान में विधानसभा की 200 सीटों में से 160 सीटों पर बीजेपी विधायक काबिज हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक राजस्थान के बीजेपी प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि पार्टी केवल जिताऊ उम्मीदवारों को टिकट देगी। उन्होंने कहा, ”मौजूदा विधायकों को कोई गलत फहमी नहीं होनी चाहिए। अगर उनका प्रदर्शन कसौटी पर खरा नहीं उतरता है तो पार्टी उनको बदल सकती है। प्रदर्शन के आधार और जनता के मिजाज को देखते हुए टिकट दिए जाएंगे।” रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों के प्रदर्शन के अलावा विधानसभा में जातिगत समीकरण के आधार पर भी टिकटों को लेकर पार्टी विचार करेंगी। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी अपनी गौरव यात्रा के दौरान इस बारे में सीधा फीडबैक ले रही हैं। वह अपनी यात्रा के दौरान करीब डेढ़ सौ विधानसभा क्षेत्रों के पास से गुजरेंगी।

संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों से मिलने वाली सार्वजनिक प्रतिक्रिया मौजूदा विधायकों के भाग्य का फैसला करेगी। राजे के एक करीबी मंत्री ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री खासकर जनता की प्रतिकियाओं के बारे में सोच रही हैं। जनता की नजर में खरे नहीं उतरने वाले विधायकों को उनकी स्थिति और प्रतिष्ठा के बावजूद टिकट देने से इनकार कर दिया जाएगा। 2003 में राजे को मुख्यमंत्री बनाने वाले 61 विधायकों के 2008 में टिकट काट दिए गए और बीजेपी चुनाव हार गई थी। उनमें चार मंत्री भी शामिल थे।

कांग्रेस नेताओं में से जिनके जीतने की संभावनाएं जताई जा रही है, बीजेपी उनको पछाड़ने के लिहाज से उम्मीदवारों की तलाश कर रही है। हाल में अलवर और अजमेर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने 17 विधानसभा क्षेत्रों को खो दिया। मंत्री ने बताया कि पार्टी उन 17 विधायकों के प्रदर्शन को लेकर मूल्यांकन कर रही है। इस बार उनमें से कई विधायकों के टिकट काटे जाएंगे। पार्टी इस बार नए चेहरे ला सकती है, चाहे वह पार्टी के भीतर से हों या विपक्ष से।