नई दिल्ली: अमेरिकी जासूसी संस्था सीआईए के पूर्व ऑफिसर और व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि UIDAI ने आधार के जरिये भारत में जासूसी का जाल बिछा दिया है। आधार कार्ड पर हमेशा से सशंकित राय देने वाले स्नोडेन ने कहा कि भारत में जिस तरह से आधार को हर चीज से लिंक किया जा रहा है उससे भारतीयों की आजादी प्रभावित हो रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्नोडेन हाल के उस विवाद पर बोल पर रहे थे, जहां कई एंड्रायड फोन के यूजर्स ने पाया कि उनके कॉन्टैक्ट लिस्ट में UIDAI का हेल्पलाइन नंबर जोड़ दिया गया है।

इस विवाद पर स्नोडेन UIDAI पर खूब बरसे। उन्होंने कहा, “UIDAI कहता है, ओह…फोन नंबर गलत है, ओह…ये हमने नहीं किया है…लेकिन ये वही नंबर है जो आपके कार्ड के पीछे छपा है।” आगे स्नोडेन कहते है कि UIDAI का तर्क है कि ये गगूल की गलती है, हम नहीं जानते हैं कि क्या हुआ है। दुनिया भर में कई खुफिया सूचनाओं को लीककर पहचान बनाने वाले स्नोडेन ने कहा कि UIDAI कहती है कि आपको इस गड़बड़ी का हवाला देकर सिस्टम की आलोचना नहीं करनी चाहिए, ये गलत है, इससे आपका पैसा बच रहा है, इससे लोग ठगी का शिकार होने से बच रहे हैं, इससे लोग दूसरे का सरकारी फायदा नहीं चुरा पा रहे हैं।”

जयपुर में एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये शिरकत करते हुए एडवर्ड स्नोडेन ने कहा कि ये बहुत भयानक है कि आधार की लिंकिंग अनिवार्य रुप से हर चीज से करवाई जा रही है और ये इस स्तर पर पहुंच गई है कि जबतक आप आधार नंबर नहीं देते हैं आप ना तो बच्चे पैदा कर सकते हैं और ना ही बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बना सकते हैं। एडवर्ड स्नोडेन ने कहा कि जो आधार इनरोलमेंट एजेंसियां और प्राइवेट कंपनियां आधार का गलत इस्तेमाल करती हैं कि उनके खिलाफ अपराध कानूनों के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा, “जो कोई भी कंपनी ऐसी सेवा के लिए आपसे आधार नंबर मांगती है जिसका भुगतान सरकार नहीं कर रही है, या फिर जिससे की प्रत्यक्ष रुप से कोई सामाजिक लाभ के लिए सरकार द्वारा भगुतान नहीं किया गया है, तो उस कंपनी के खिलाफ दंड लगाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “उन पर सिर्फ जुर्माना नहीं लगना चाहिए, इसके लिए किसी को जेल जाना चाहिए।”

एडवर्ड स्नोडेन ने आलोचनाओं से निपटने के UIDAI के रवैये की भी निंदा की। स्नोडेन ने कहा, “आधार के बारे में कई स्कैंडल आ चुके हैं, और उन्हें इनका तार्किक जवाब देना चाहिए, उन्होंने आलोचनाओं पर सिस्टम को दुरुस्त करना चाहिए, सिस्टम चाक-चौबंद करना चाहिए, बजाय ये कहने के कि कोई भी आलोचना असंवैधानिक है, ये तो खौफ फैलाने जैसा है।” उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा धोखा तो ये है जब सरकार आपको कहती है कि आप अपनी निजता, डेटा सुरक्षा और अपने अधिकारों के बारे में चिंता नहीं कीजिए। उन्होंने कहा, “ये तर्क कहां से आता है…और इसका उत्तर है नाजी जर्मनी…लेकिन स्वतंत्र समाज में इसे जैसा काम करना चाहिए उसके ये ठीक विपरित है…आपको ये बताने की जरूरत नहीं होनी चाहिए आपके पास अधिकार क्यों हैं…आपको ये समझाने की जरूरत नहीं होने चाहिए कि ये महत्वपूर्ण क्यों है और आपको इसकी जरूरत क्यों है।”