नई दिल्ली: : केरल में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. बाढ़ से केरल के कई इलाकों में हाहाकार है. कई दशकों बाद आई इस बाढ़ की विभीषिका ने अपना विकराल रूप दिखाया है, जिसमें अब तक 324 लोगों की मौत हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में बाढ़ की विभीषिका की समीक्षा करने के बाद केरल को तत्काल 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि मोदी ने सभी मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से भी देने की घोषणा की है.

बयान में कहा गया है, 'प्रधानमंत्री ने राज्य को 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. यह राशि 12 अगस्त को गृह मंत्रालय द्वारा 100 करोड़ रुपये की देने की घोषणा से अलग है.' कोच्चि में एक उच्च स्तरीय बैठक की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित कुछ क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. बाढ़ की तबाही से जूझ रहे अलुवा-त्रिशुर क्षेत्र के हवाई सर्वेक्षण के दौरान प्रधानमंत्री के साथ राज्यपाल पी सदाशिवम, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, केंद्रीय मंत्री के जे अल्फोंस और अन्य अधिकारी मौजूद थे.

बाढ़ की वजह से हुई जान-माल की क्षति पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालना हमारी शीर्ष प्राथमिकता है. इसके बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने ट्वीट किया है कि प्रधानमंत्री ने तत्काल राहत के लिए 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा, '' प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक राज्य को इस बाढ़ की वजह से 19,512 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है. प्रभावित इलाकों से बाढ़ का पानी घटने के बाद ही वास्तविक क्षति का अनुमान लगाया जा सकता है। राज्य सरकार ने तत्काल सहायता के लिए 2,000 करोड़ रुपये की मांग की है.'

पीएम मोदी शनिवार रात राज्य में पहुंचे थे. वह आज सुबह कोच्चि गए और मुख्यमंत्री विजयन और अन्य अधिकारियों के साथ बाढ़ के स्थिति की समीक्षा की. प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को आग्रह के अनुसार अनाज, दवाई सहित राहत सामग्री पहुंचाने का आश्वासन दिया है. बीमा कंपनियों से कहा गया है कि वह समय से क्षति का मूल्यांकन करके प्रभावित परिवारों और लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत मुआवजा जारी करें. इसके अलावा कृषि फसल बीमा योजना के दावों का त्वरित निपटारा करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं. प्रधानमंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को बाढ़ से क्षति ग्रस्त हुए मुख्य राजमार्ग को प्राथमिकता देकर ठीक करने का निर्देश दिया है. वहीं एनटीपीसी और पीजीसीआईएल जैसे केंद्रीय सार्वजनिक सेक्टर उपक्रमों को राज्य सरकार को बिजली की आपूर्ति बहाल करने में हर संभव सहायता करने को कहा है.

प्रधानमंत्री ने इस भयानक बाढ़ की चुनौतियों से निपटने के राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की. मौजूदा मौसम की रिपोर्ट के मुताबिक तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, पथनमथिट्टा, कोट्टयम, इडुक्की और एर्नाकुलम जिले में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ ही भारी बारिश की आशंका जताई गई है. राज्य आपदा प्रबंधन के नियंत्रण कक्ष से मिली सूचना के मुताबिक आठ अगस्त से अब तक 194 लोगों की जानें जा चुकी है और 36 लोग लापता हैं. राज्य इस समय पिछले 100 साल में आए सबसे ज्यादा भयानक बाढ़ का सामना कर रहा है. यहां 80 बांधों को खोला गया है और सभी नदियों में बाढ़ जैसी है.

बताया जा रहा है कि करीब तीन लाख से ज़्यादा लोग राहत शिविरों में शरण लिए हैं. राज्य के 14 में से 12 ज़िलों में रेड अलर्ट है. बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए पीएम मोदी भी पहुंच चुके हैं. शुक्रवार की देर शाम अटल बिहारी वाजपेयी जी की अंत्येष्टि के बाद पीएम मोदी केरल के लिए रवाना हुए. आज वह सुबह करीब पौने आठ बजे तिरुवनंतपुरम से कोच्चि के लिए रवाना हुए.

मौसम विभाग ने आज भी बारिश के आसार जताए हैं, जिससे हालात और बिगड़ने के आसार हैं. इडुक्की और एर्नाकुलम राज्य के बाक़ी हिस्सों से पूरी तरह कट गए हैं. पानी भरने की वजह से कोच्चि एयरपोर्ट को 26 अगस्त तक बंद कर दिया गया है. हज़ारों किलोमीटर सड़कें बह गई हैं. 80 बांधों को खोल दिया गया है. हालंकि, सेना, एयरफ़ोर्स, नेवी, एनडीआरएफ़ की टीमें युद्धस्तर पर राहत और बचाव का अभियान चला रही हैं.