नई दिल्ली: लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराए जाने की कवायद तेज हो गई है. 'एक देश एक चुनाव' को लेकर लॉ कमीशन अगले 15 दिन में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा. बताया जा रहा है कि लॉ कमीशन 2019 और 2024 में दो चरणों में चुनाव कराए जाने का सुझाव दे सकता है.

दरअसल, लॉ कमीशन के मौजूदा चेयरमैन बीएस चौहान अगस्त के आखिर में रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि 'एक देश एक चुनाव' पर उसके पहले ही रिपोर्ट सौंप दिया जाए. सूत्रों ने CNN-News18 को बताया कि रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए लॉ कमीशन जल्द एक मीटिंग भी करने वाली है.

लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने के लिए लॉ कमीशन ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है. इसके तहत दो चरणों में चुनाव कराने का सुझाव था. पहले चरण में उन विधानसभाओं को शामिल किया गया, जिनका कार्यकाल 2021 में पूरा हो रहा है. इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार महाराष्ट्र शामिल हैं. वहीं, दूसरे और आखिरी चरण में उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब हैं.

लोकसभा के साथ इन राज्यों का चुनाव कराने के लिए विधानसभाओं के कार्यकाल को बढ़ाना होगा. चुनाव आयोग ने एक सुझाव दिया है कि अगर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो उसके बाद विश्वास प्रस्ताव भी होना चाहिए. कुछ इसी तरह के सुझाव संसदीय समिति की तरफ से भी दिए गए हैं. इसका मतलब ये है कि अगर विपक्ष के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत नहीं, तो सरकार को हटाया नहीं जा सकता.

लॉ कमीशन ने 'एक देश एक चुनाव' के ड्राफ्ट पर चर्चा के लिए इसी साल जुलाई में राजनीतिक पार्टियों की बैठक बुलाई थी. एनडीए के दो सहयोगी समेत 5 दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था, जबकि 9 दल इसके विरोध में थे.

लॉ कमीशन के प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में जेडीयू और अकाली दल (एनडीए), एआईएडीएमके, समाजवादी पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) शामिल थे. वहीं, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी, डीएमके, जेडीएस, एआईएफबी, सीपीएम, एआईडीयूएफ, गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने इसका विरोध किया था. हालांकि, कांग्रेस ने इस पर कोई राय नहीं रखी थी.

हाल ही में मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ओम प्रकाश रावत ने कहा था कि आम चुनाव और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराए जाने के सिलसिले में कानूनी बदलाव करने के साथ ही ज्यादा समय लगेगा. सीईसी ने कहा था कि एक साथ चुनाव कराए जाने के लिए जो सुविधाएं होनी चाहिए वो अलग मुद्दा है, पहले तो कानूनी अड़चनों को दूर करना होगा. किसी तरह के संवैधानिक संशोधन में समय लगता है, हां अगर एक बार कानूनी अड़चनों को दूर कर लिया गया चुनाव आयोग एक साथ चुनाव कराने के लिए तैयार है.

उधर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 'एक देश एक चुनाव' को लेकर लॉ कमीशन को चिट्ठी लिखी है. अमित शाह ने 'एक देश-एक चुनाव' का समर्थन करते हुए कहा कि चुनावों में होने वाले भारी खर्च से बचने के लिए ऐसा करना आने वाले समय की जरूरत है.