नई दिल्ली: वित्त सचिव हसमुख अधिया को अगला भारत का अगला नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) बनाया जा सकता है। गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हसमुख अधिया को लेकर इस वक्त चर्चा काफी तेज हो चुकी हैं। गुजरात की आईएएस लॉबी में इस बात की चर्चा लगातार तेज होती जा रही है कि अधिया अगले सीएजी होंगे। 1981 बैच के आईएएस अधिकारी हसमुख अधिया इस साल नवंबर में रिटायर होने जा रहे हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं।

एक अंग्रेजी अख़बार के मुताबिक एक आईएएस अधिकारी का कहना है, ‘अधिया इस वक्त देश की राजनीतिक स्थिति को काफी करीब से देख रहे हैं, सीएजी का पद काफी महत्वपूर्ण होता है। उसकी रिपोर्ट में दो या तीन जीरो के इधर-उधर होने पर भी सरकार को भारी नुकसान हो सकता है। अधिया के अंदर सीएजी बनने के सारे गुण मौजूद हैं, वे इस लायक भी हैं।’ अगर हसमुख अधिया को सीएजी बनाया जाता है, तो हाल के इतिहास में किसी गुजरात-कैडर के अधिकारी द्वारा काबिज यह सबसे शीर्ष का पद होगा।

आपको बता दें कि इस वक्त फिलहाल पूर्व गृह सचिव राजीव महर्षि सीएजी के पद पर काबिज हैं, लेकिन उन्हें इस महीने के अंत में जम्मू कश्मीर का नया राज्यपाल बनाया जाएगा। वर्तमान राज्यपाल एनएन वोहरा का कार्यकाल इस महीने के अंत में पूरा हो रहा है, उनके बाद राजीव महर्षि यह पदभार संभालेंगे।

हसमुख अधिया वर्तमान वित्त सचिव हैं। उन्हें नवंबर 2014 में कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने संघ वित्तीय सेवा सचिव नियुक्त किया था। अधिया ने 3 नवंबर 2014 को पदभार संभाला था, उसके बाद अधिया को संघ राजस्व सचिव नियुक्त कर दिया गया था, जिसके कारण उन्होंने 31 अगस्त 2015 के दिन संघ वित्तीय सेवा सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। अधिया को सितंबर 2017 में अशोक लवासा के रिटायर होने पर वित्त सचिव बनाया गया। देश में लागू हुए जीएसटी और नोटबंदा की खाका तैयार करने में हसमुख अधिया का अहम रोल था।