नई दिल्ली: मॉनसून सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने राफेल विमान सौदे में कथित अनियमितता को लेकर केंद्र सरकार से जवाब देने की मांग करते हुए आज संसद परिसर में पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया।

पार्टी के सदस्यों ने इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति के गठन की भी मांग की। कांग्रेस सदस्यों ने लोकसभा में इस विषय को उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी की। इस मुद्दे पर शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट भी किया।

इससे पहले आज सुबह संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी ने किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी राज बब्बर एवं कई अन्य सांसदों के अलावा भाकपा के डी राजा, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता शामिल हुए।

कांग्रेस के कई सदस्यों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखीं थीं और इस मामले की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। पार्टी के सदस्यों ने राफेल मामने पर जेपीसी के गठन को लेकर लोकसभा में नारेबाजी की थी। कांग्रेस और राहुल गांधी पिछले कुछ समय से राफेल विमान सौदे को लेकर सरकार पर लगातार निशाना साधते रहे हैं।

इस मामले में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे रखा है। उनका आरोप है कि मोदी और सीतारमण ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राफेल के मुद्दे पर सदन को गुमराह किया। उधर, राज्यसभा में तीन तलाक विरोधी विधेयक पेश होने के बारे में पूछे जाने पर सोनिया गांधी ने संसद भवन परिसर में कहा, ''इस मुद्दे पर हमारी पार्टी की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट है। इस पर मैं आगे कुछ नहीं कहूंगी।