नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम में कपिलदेव के बाद एक ऑलराउंडर की कमी लंबे समय तक खली. पिछले कुछ समय से हार्दिक पांड्या इस जगह के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. ऐसे में उनकी कपिलदेव से तुलना होना स्वाभाविक ही है, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावसकर कपिल से उनकी तुलना को ठीक नहीं मानते. कपिलदेव ने टीम इंडिया में ऑलराउंडर की जगह को एक अलग और खास मुकाम दिया है. ऐसे में जो भी उस ऑलराउंडर की जगह लेने आया उससे उम्मीदें भी कपिल जैसी ही रहीं तो तुलना तो होनी ही थी

हार्दिक का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक भी नहीं रहा है लेकिन उन्हेंने बहुत निराश भी नहीं किया है और अपनी संभावनाओं को पूरी तरह से जीवित रखा है. जब भी हार्दिक बढ़िया प्रदर्शन करते हैं, खास कर बल्लेबाजी में उनकी तुलना कपिल से की जाने लगती हैं.

गावस्कर ने कपिल देव और हार्दिक पंड्या के बीच तुलना को सोमवार को बकवास करार देते हुए कहा कि पूर्व भारतीय कप्तान सौ साल में एक बार पैदा होने वाले क्रिकेटर है और किसी से उसकी तुलना नहीं हो सकती. इन दोनों क्रिकेटरों की तुलना करने की कुछ विशेषज्ञों की आदत के बारे में जब पूछा गया तो गावस्कर इससे बिलकुल भी प्रभावित नहीं दिखे.

नाराज दिख रहे गावस्कर ने ‘आज तक’ से कहा, ‘‘कपिल देव से किसी की तुलना नहीं की जानी चाहिए. वह एक पीढ़ी में एक बार पैदा होने वाला खिलाड़ी नहीं बल्कि सौ साल में एक बार पैदा होने वाला क्रिकेटर है जैसे कि सर डान ब्रैडमैन और सचिन तेंदुलकर. हमें किसी से उनकी तुलना नहीं करनी चाहिए.’’

गावस्कर लंबे प्रारूप में सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के रवैये से भी नाखुश हैं. दिल्ली के इस खिलाड़ी ने बर्मिंघम में पहले टेस्ट में 26 और 13 रन की पारी खेली. गावस्कर ने कहा, ‘‘शिखर अपने खेल में बिलकुल भी बदलाव नहीं करना चाहता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसका विश्वास उसी तरह से खेलने में हैं जिसने उसे अब तक सफलता दिलाई है. आप वनडे क्रिकेट में ऐसे शाट खेलने के बावजूद बच सकते हो क्योंकि काफी स्लिप नहीं होती और बल्ले का किनारा लेकर गेंद स्लिप क्षेत्र से बाउंड्री तक जा सकती है.’’

गावस्कर ने कहा, ‘‘लेकिन टेस्ट में, इस तरह के शाट का नतीजा सिर्फ विकेट गंवाना होगा. खिलाड़ी जब तक मानसिक रूप से बदलाव नहीं करता तब तक विदेशों में लाल गेंद के खिलाफ उसे जूझना होगा.’’