भोपाल: मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए राजनैतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हैं। वहीं राज्य में कांग्रेस पार्टी को अंतर्कलह से जूझना पड़ रहा है। कांग्रेस पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान यह अंतर्कलह उभरकर सामने आयी और कुर्सी को लेकर पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए। इस दौरान पार्टी के एक वरिष्ठ नेता इस बात से इतना नाराज हुए कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने के लिए RSS से सीख लेने की नसीहत दे डाली। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मामला मध्य प्रदेश के विदिशा का है, जहां कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की बैठक चल रही थी। इस बैठक में पार्टी के संगठन से जुड़े नेता और जिले की राजनीति से जुड़े कई नेता मौजूद थे। सभी नेताओं के लिए कार्यक्रम में सीटें बुक रखी गईं थी।

इस बैठक में शामिल होने के लिेए शाही परिवार के सदस्य सिंधु विक्रम सिंह भंवर बाना भी पहुंचे। लेकिन बैठक में सिंधु विक्रम सिंह भंवर बाना के नाम की कुर्सी ही नहीं रखी गई थी। जिससे विक्रम बाना नाराज हो गए। गौरतलब है कि विक्रम बाना आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की ओर से चुनाव भी लड़ने की कोशिशों में लगे हैं। विक्रम बाना के लिए कुर्सी ना रखने पर कई नेताओं ने पार्टी के जिला अध्यक्ष के सामने विरोध जताया, जिसके बाद हालात काफी बिगड़ गए और नौबत हाथापाई तक पहुंच गए। इस बीच कार्यक्रम में मौजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी दीपक बाबरिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं को शांत होने की अपील की, लेकिन किसी ने भी उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। इस बात से खफा होकर दीपक बाबरिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आरएसएस से अनुशासन सीखने की नसीहत दे डाली।

जब मीडिया ने दीपक बाबरिया से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि हां, मैंने आरएसएस की तारीफ की, जिस तरह से पंडित नेहरु ने चीन युद्ध के दौरान उनके अनुशासन की तारीफ की थी। यदि किसी संगठन में कुछ अच्छा है तो उसकी सराहना करने में कोई बुराई नहीं है। पार्टी में अंतर्कलह के सवाल पर दीपक बाबरिया ने कहा कि जहां कड़ी स्पर्धा होती है, वहां इस तरह की घटनाएं होती हैं, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि ये लोग जल्द ही अनुशासन सीख जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह भाजपा के गढ़ माने जाने वाले रीवा में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने दीपक बाबरिया के साथ बदतमीजी की थी, जिसके बाद पार्टी ने 6 आरोपी कार्यकर्ताओं को बर्खास्त कर दिया था। साथ ही दो वरिष्ठ नेताओं को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया था। मध्य प्रदेश में पिछले 3 कार्यकाल से राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस कड़ी मेहनत कर रही है। हालांकि पार्टी की भीतरघात पार्टी के लिए चिंता का सबब बनी हुई है।