लखनऊ: उत्तर प्रदेश के देवरिया शेल्टर होम कांड पर प्रदेश की सियासत तेज हो गई है. मामले में विपक्षी दलों ने घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. इस बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा है कि इस घटना के सामने आने के बाद बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों जगह के मुख्यमंत्रियों को बेटियों को सुरक्षा ना दे पाने की वजह से तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.

राजबब्बर ने इस संंबंध में फेसबुक पोस्ट की है, जिसे टि्वटर पर शेयर किया है. उन्होंने लिखा है कि देवरिया की घटना की ख़बर से आहत हूं. ऐसी शर्मनाक और घिनौनी घटना के बाद सत्ता नशीनों को कुर्सी पर बैठे रहने का कोई हक नहीं है. उन्होंने कहा​ कि पहले मुज़फ्फरपुर और कुछ उसी तर्ज पर देवरिया की घटना ने तय कर दिया है कि बीजेपी शासित राज्यों में बेटियों की सुरक्षा को कोई ख़ास तवज्जो नहीं है.

देवरिया की घटना तो योगी जी के गृहक्षेत्र की है. उनके मठ से बमुश्किल 60-70 किलोमीटर दूर. ये घोर आश्चर्य का विषय है कि देवरिया में जिस बालिका गृह में ये घटना सामने आई है, उसका लाइसेंस रद्द होने के बावजूद वो संस्थान कार्य कर रहा था. वो किसके संरक्षण से चल रहा था इस पर सरकार को जवाब देने की ज़रूरत है.

राजबब्बर ने कहा कि इस तरह की घटनाएं प्रशासकों के नाक के नीचे घटित हो रही हैं. नैतिक जिम्मेदारी लेने की बजाय वे बस ये कहते हैं कि ठोस कार्यवाही की जा रही है. ये कितनी ठोस है, ये बताने की ज़रूरत नहीं है. राजबब्बर ने कहा कि हम मांग करते हैं कि इस घटना की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज के द्वारा की जानी चाहिए.

बता दें उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में मां विंध्यावासिनी बालिका संरक्षण गृह में देह व्यापार के आरोप के खुलासे के बाद यूपी सरकार में हड़कंप मचा हुआ है. मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीएम देवरिया सुजीत कुमार को हटाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएम योगी ने डीपीओ को भी निलंबित करने का फरमान सुनाया है.