यूनानी स्कालर्स एसोसिएशन की ओर से संगोष्ठी का आयोजन

लखनऊ: यूनानी स्कालर्स एसोसिएशन की ओर से आज एक्सपो मार्ट स्थित क़ैसर बाग में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया । संगोष्ठी के पहले सत्र का संचालन करते हुये डॉ अयाज़ अहमद ने कहा कि हमें भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि अल्लाह ने हमें लोगों के इलाज के द्वारा उनकी सेवा करने में सक्षम बनाया है। अल्लाह ने हमें कई इनाम के साथ एक विशेष उपहार यह दिया है कि अल्लाह ने हमारे हाथों में शिफा दी है जिस से हम लोगों का इलाज करते हैं।

एसोसिएशन का परिचय कराते हुए डॉक्टर के एम मुबाश्शिर ने बताया कि यू एस ए यूनानी डॉक्टरों का एक संगठन है जो भारत के 6 राज्यों में काम कर रहा है, जिस के केवल यूपी में 700 सदस्य हैं जबकि ऑल इंडिया इस संगठन के कुल 1100 सदस्य हैं।

संगोष्ठी के पहले सत्र में जरनाटोलोजी एंड गेरियट्रिक्स शीर्षक पर अपना व्याख्यान करते हुए डॉक्टर कमर उल हसन लारी 'रीडर कुल्लियात विभाग, स्टेट तकमीलुत्तिब कॉलेज’ ने कहा कि यूनानी चिकित्सा प्रणाली में जरनाटोलोजी एंड गेरियट्रिक्स के कई अवसर हैं जरूरत इस क्षेत्र में हमें शोध करने की है। उन्होंने कहा कि इस समय गुणवत्ता पूर्ण जीवन प्राप्त करना एक चुनौती बन गया है, हमारे अक्सर रोगी की यही शिकायत रहती है। हमें इस पर काबू पाने के लिए हमें रोगियों के नफ़्स को पहचानना जरूरी होगा तभी उन का बेहतर इलाज संभव है।

डॉ कमर उल हसन लारी ने कहा कि अन्य पैथोलॉजी के अनुसार, बचपन और बुढ़ापे के लक्षण समान रूप के पाए जाते हैं, लेकिन यूनानी प्रणाली के अनुसार यह बिल्कुल ठीक नहीं है। बुजुर्गों में नरमी पायी जाती है, जबकि बच्चों में चिड़ चिड़ा पन का तत्व मिलता है। उन्होंने कहा कि बुढ़ापे में पाचन शक्ति में कमी हो जाती है, इसलिए वृद्ध लोगों को अंतराल पर खाना लेना चाहिए, और युवाओं से अधिक नींद लेनी बूढ़े लोगों को लेना चाहिए।

संगोष्ठी के दूसरे सत्र में डॉ के एम मुबाश्शिर ने सी पी सी आर के विषय पर अपना व्याख्यान किया। संगोष्ठी में विशेष रूप से डॉक्टर क़मरुजजमा कुरैशी, डॉ जमाल अख्तर, डॉक्टर मक़बूल अहमद खान, डॉक्टर ज़हीर अहमद किदवई, डॉक्टर खुर्शीद, मोहम्मद खालिद, डॉक्टर सलमान खालिद, डॉ मोहम्मद मुईद आदि मौजूद थे। संगोष्ठी में यूनानी डॉक्टरों, स्कालर्स समेत कई यूनानी कॉलेजों के छात्र शामिल थे।