लखनऊ: बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि सवा चार साल तक पिछड़ों की अनेदखी करने वाली भाजपा अचानक पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का विधेयक लाकर उनका हितैषी बनने का नाटक कर रही है। आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा ने स्वार्थ के लिए ऐसा किया है जिससे पिछड़ों को छल कर उनका वोट लिया जा सके।

मायावती ने कहा कि दलितों व आदिवासियों की तरह पिछड़े वर्गों के हकों से वंचित रखने का प्रयास करने वाली भाजपा अब उससे चुनावी लाभ लेना चाहती है। भाजपा का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा से ही पिछड़ा वर्ग व इनके आरक्षण का विरोधी रहा है। मायावती ने लंबे इंतजार के बाद संसद में लाए गए इस विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा सरकारों को अब इस मामले में गंभीरता व ईमानदारी दिखानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सवा चार साल केंद्र में भाजपा के शासनकाल में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है, लेकिन अब लोकसभा व मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ राज्यों में चुनाव नजदीक देख पिछड़ों को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। पिछड़ों को भाजपा से सावधान रहने की जरूरत है। कहा कि अगर भाजपा की नीयत साफ होती तो यह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सरकार बनने के पहले साल ही करना चाहिए था। भाजपा ने पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर मण्डल आयोग की सिफारिश का विरोध किया और वर्ष 1990 में वीपी सिंह की गठबंधन वाली ग़ैर-कांग्रेसी सरकार को क्यों गिरा दिया था?

कांग्रेस की सरकारों में लंबे समय से सिफारिशों के लटके रहने की वजह से बसपा ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने की शर्त पर वीपी सरकार को समर्थन दिया था। केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों की सोच ओबीसी हितैषी कतई नहीं है। यह देश को बताने की जरुरत नहीं है, क्योंकि भाजपा ने राजनीतिक क्षेत्र के साथ इन वर्गों का हक शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में भी काफी मारा है। भाजपा के इस नाटक को पिछड़े, दलित व आदिवासी अच्छी तरह समझ रहे हैं इसलिए उनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं।