नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि चीन के साथ लंबे वक्त तक चला डोकलाम विवाद कूटनीतिक तरीके से सुलझा लिया गया है. उन्होंने बुधवार को लोकसभा में ये जानकारी दी. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान डोकलाम का मुद्दा उठाया गया था. विदेश मंत्री ने बताया, 'भारत-पाक सीमा पर डोकलाम का मुद्दा 'परिपक्व कूटनीति' के जरिये सुलझाया जा चुका है. इसके बाद से संबंधित क्षेत्र में यथास्थिति बरकरार है.'

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान टीएमसी सांसद सुगत बोस के सवाल के जवाब में सुषमा स्वराज ने ये बातें कही. उन्होंने कहा, 'वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक का कोई खास एजेंडा नहीं था. ऐसे में डोकलाम का मुद्दा भी उसमें शामिल नहीं था.'

सुषमा स्वराज ने कहा, 'वुहान समिट की तैयारी के सिलसिले में मैंने चीन का दौरा किया था. वुहान समिट के तीन उद्देश्य थे. दोनों नेताओं के बीच सहजता बढ़ाना, आपसी समझ बढ़ाना और परस्पर भरोसा बढ़ाना. ये समिट तीनों उद्देश्यों को हासिल करने में सफल रही.'

विदेश मंत्री ने जानकारी दी कि वुहान समिट के बाद पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट और दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स समिट से इतर मुलाकात हुई. उन्होंने बताया, 'इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं में सहमति बनी कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच किसी भी विवाद को अपने स्तर पर सुलझाया जाएगा.'

सुषमा स्वराज ने जानकारी दी कि इसी भारत-चीन के बीच बनी इसी सहमति के बाद चीन के रक्षा मंत्री भारत के दौरे पर आ रहे हैं. इस साल के आखिर में चीन के विदेश मंत्री का भी भारत दौरा होना है.