नई दिल्ली: एक साल से भी कम वक्त में होने जा रहे आम चुनाव 2019 को लेकर विपक्षी दलों का एकमात्र लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली BJP सरकार को हटाना है, और इसी वजह से कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पद पर अपने दरवाज़े खुले रखे हुए हैं. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अपने अध्यक्ष राहुल गांधी के स्थान पर किसी अन्य दल के नेता को प्रधानमंत्री बनाने को लेकर कांग्रेस ने विकल्प खुला रखा हुआ है, और पार्टी के इस रुख पर अन्य दलों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. कांग्रेस का कहना है कि उन्हें कोई भी प्रधानमंत्री स्वीकार हो सकता है, बस, उसका ताल्लुक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, यानी BJP के वैचारिक संरक्षक RSS से नहीं होना चाहिए.

हालांकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के ही सांसद अधिरंजन चौधरी ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख तथा सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में कांग्रेस को खत्म कर रही हैं, और कांग्रेस उन्हें ही प्रधानमंत्री बनाने जा रही है, यह तर्क उन्हें अजीब लगता है. लेकिन TMC नेता दिनेश त्रिवेदी का कहना है कि लोकतंत्र में जनता ही तय करेगी कि कौन देश का प्रधानमंत्री बनेगा और जनता ने यह तय कर लिया है. तृणमूल कांग्रेस सांसद सुखेंदु रॉय चौधरी ने भी प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर कांग्रेस की नरमी का स्वागत किया है.

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए BJP ने कहा है कि कांग्रेस ने इससे पहले भी एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल और चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनवाया था, लेकिन उनमें से कोई भी सरकार टिक नहीं सकी थी.