नई दिल्ली: मॉब लिंचिंग यानी भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या के मामलों पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. शुक्रवार को राजस्थान के अलवर में कथित तौर पर गौ-तस्करी के शक में भीड़ की पिटाई से हुई अकबर खान उर्फ रकबर खान की मौत को लेकर कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर ने बड़ा बयान दिया है. अपने एक आर्टिकल में थरूर ने लिखा- 'इस देश में कई जगहों पर तो मुसलमान होने से बेहतर गाय होना है.' कांग्रेस नेता के इस कमेंट पर विवाद खड़ा हो गया है.

अंग्रेजी वेबसाइट 'The Print' ने शशि थरूर का एक ओपिनियन पब्लिश किया है. जिसमें थरूर ने ये कमेंट किए. उन्होंने लिखा, 'गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बीजेपी शासन में मॉब लिंचिंग बढ़ने की घटनाओं से इनकार किया है. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी कहते हैं कि देश में पिछले 4 सालों में कोई बड़ा सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ है. ये दोनों ही नेता गलत बोल रहे हैं.'

थरूर ने लिखा, 'बीजेपी के मंत्रियों का सांप्रदायिक हिंसा में कमी के बारे में दावा तथ्यों पर खरा क्यों नहीं उतरता. ऐसा लगता है कि कई जगहों पर मुस्लिम की तुलना में गाय सुरक्षित है.'

उन्होंने लिखा, 'जब से बीजेपी सत्ता में आई है, हिंदुत्व का झंडा लेकर चलने वाली ताकतों की वजह से देश में कई जगह हिंसाएं हुई हैं. 2014 के बाद से अब तक अल्पसंख्यक विरोधी हिंसाओं में 389 लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं.'

केरल के तिरूवनंतपुरम में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, 'पिछले 8 साल में गोहत्या से संबंधित 70 हिंसक घटनाएं हुई हैं, इनमें से 97 फीसदी यानी 70 में से 68 घटनाएं बीजेपी के शासन में हुई हैं. इन घटनाओं में 28 लोग मारे जा चुके हैं और 136 लोग घायल हुए हैं. इन घटनाओं में 86 फीसदी शिकार लोग मुस्लिम हैं.'

थरूर ने लिखा है, 'गोभक्तों के निशाने पर केवल मुस्लिम ही नहीं रहे हैं, दलित भी उनका शिकार बने हैं. गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के रिकॉर्ड बताते हैं कि 2014 से 2016 के बीच देशभर में 2,885 सांप्रदायिक दंगे हुए हैं.'

बता दें थरूर ने हाल में यह टिप्पणी करके बड़ा विवाद पैदा कर दिया था कि अगर बीजेपी फिर से सत्ता में आई तो वह संविधान को फिर से लिखेगी और ‘हिन्दू पाकिस्तान’ बनाने का रास्ता तैयार करेगी. वहीं, उन्होंने बीजेपी-आरएसएस को लेकर कमेंट किया था कि 'हिंदुत्ववाद का तालिबानीकरण’ शुरू हो गया है.