नई दिल्ली: अलवर के लक्ष्मणगढ़ थाना इलाके में सात माह की दुधमुंही बच्ची को घर से उठाकर ले जाने के बाद उससे दुष्कर्म करने के मामले में अलवर की विशेष अदालत ने आरोपी पिंटू भराड़ा को फांसी की सजा सुनाई है. विशिष्ट न्यायाधीश (अजा-जजा अत्याचार निवारण प्रकरण) जगेंद्र अग्रवाल ने इस मामले में दिन प्रतिदिन सुनवाई करते हुए मात्र 22 कार्य दिवस में आरोपी को मामले में दर्ज सभी धाराओं में दोषी करार दिया है. मात्र 2 माह और 11 दिन में आरोपी को सजा सुना दी गई.

केंद्र सरकार की ओर से पोक्सो एक्ट में हाल ही किए गए नए संसोधन के बाद 12 वर्ष के कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके तहत फांसी का यह राजस्थान में पहला और देश में दूसरा मामला है.

इससे पहले मध्यप्रदेश में एक दुष्कर्मी को नए प्रावधानों के तहत फांसी की सजा दी गई थी. दुष्कर्मी पिंटू भराड़ा के खिलाफ भारतीय धारा 363, 366, 376 ए बी 5एम/6 पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.

गत 10 मई को लक्ष्मणगढ़ इलाके में हवस का अंधा हरसाना गांव का 19 वर्षीय पिंटू भराड़ा दृष्टिहीन ताई की गोद से 7 माह की बच्ची को छीनकर ले गया था. बाद में गांव के जोहड़ के पास ले जाकर मासूम से दरिंदगी की.