नई दिल्ली: राजस्थान के अलवर जिले में एक बार फिर से भीड़ ने गो-तस्करी के शक में व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई है. इस घटना पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि वह इस घटना की निंदा करते हैं लेकिन यह सिर्फ अकेली घटना नहीं है. हमें इसके इतिहास में जाना होगा. यह क्यों हो रहा है? कौन इसे रोकेगा? 1984 का सिख दंगा इतिहास की सबसे बड़ी 'मॉब लिंचिग' थी. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मोदी जी लोकप्रिय होते जायेंगे ऐसी घटनाएं बढ़ेंगी. उन्होंने शक जताते हुये कहा कि बिहार में चुनाव के समय 'पुरस्कार वापसी', यूपी चुनाव में 'मॉब लिचिंग' और 2019 में कुछ और होगा. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि मोदी जी की ओर से शुरू की गई योजनाओं का असर दिख रहा है और यही इसका रिएक्शन है. वहीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि अलवर जिले के रामगढ़ में गो-तस्करी के शक में व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. बताया जा रहा है कि मृतक का नाम अकबर है. दरअसल, अकबर और असलम गाय लेकर जा रहे थे, तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें अकबर की मौत हो गई. यह घटना शुक्रवार रात की है और इस मामले की जांच की जा रही है.

बताया जा रहा है कि मृतक अकबर का साथी असलम किसी तरह भीड़ से बचकर भागने में कामयाब रहा. वे दोनों हरियाणा के मेव मुस्लिम बताए जा रहे हैं. हैरान करने वाली बात है कि यह मामला ऐसा वक्त में आया है जब राजस्थान सरकार कह रही है कि मॉब लिंचिंग के लिए अलग से हमें किसी कानून की जरूरत नहीं है.