रांची : झारखंड के पाकुड़ में हुए हमले के बाद रांची पहुंचे स्वामी अग्निवेश ने पुलिस की कार्रवाई पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमले के आरोपी को गिरफ्तारी के कुछ ही देर बाद छोड़ देना ड्रामा लगता है. उन्होंने रांची हाइकोर्ट के रिटायर्ड या वर्तमान जज से मामले की जांच कराने की मांग की है.

स्वामी अग्निवेश ने रांची में कहा कि यह जानलेवा हमला था. मेरी हत्या भी हो सकती थी. उन्होंने खुद पर हुए हमले को सोची समझी साजिश का हिस्सा बताया. झारखंड के डीआईजी के द्वारा दिए गए जांच के आदेश पर भी संदेह व्यक्त किया.

इससे पहली रघुवर सरकार में नगर विकास और परिवहन मंत्री सीपी सिंह ने भी स्वामी अग्निवेश को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने अग्निवेश को फ्रॉड करार दिया है. सीपी सिंह ने रांची में मीडिया से बात करते हुए कहा कि अग्निवेश विदेशी चंदे पर जीने वाले व्यक्ति हैं. भगवा वस्त्र की आड़ में वह आम भारतीयों को धोखा दे रहे हैं.

पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. अग्निवेश के साथ हुई मारपीट को लेकर नगर थाना में प्राथमिक दर्ज की गई है. पाकुड़ के एसपी ने आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं. वहीं, दूसरी तरफ अग्निवेश रांची पहुंच चुके हैं. उन्हें राज्य सरकार की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराई गई है.

राज्य सरकार ने स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है. ज्ञात हो कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर स्वामी अग्निवेश के साथ मारपीट का आरोप है. इससे पहले राज्य पुलिस मुख्यालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पाकुड़ के एसपी से रिपोर्ट मांगी है. राज्य पुलिस प्रवक्ता एडीजी अभियान आरके मल्लिक ने बताया था कि मामले में दोषी लोगों को चिह्नित किया जा रहा है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

इस पूरे मामले पर पाकुड़ के एसपी शैलेन्द्र प्रसाद वर्णवाल का कहना है कि अग्निवेश के कार्यक्रम को लेकर किसी भी तरह की सूचना जिला प्रशासन और जिला पुलिस के पास नहीं थी. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके दौरे को लेकर भी कोई जानकारी नहीं दी गई थी. मामले की जांच चल रही है. आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं.