नई दिल्ली: शारीरिक संबंध बनाने से फैलने वाली बीमारी माइकोप्लाज्मा जेनिटैलियम (एमजी या एमजेन) नाम की नई बीमारी ने डॉक्टरों को चिंता में डाल दिया है। एड्स से ज्यादा खतरनाक यह बीमारी यूरोप में तेजी से पांव पसार रही है। डॉक्टरों का मानना है कि यदि इसका कारगर इलाज नहीं खोजा गया तो अगले पांच साल में यह सुपरबग का रूप धारण कर लेगी।

यूरोप की एक संस्था के अनुसार एमजी शारीरिक संबंध बनाने से या जननांगों के संपर्क से फैलता है। फीसदी में लोगों में यह बीमारी सहवास या शारीरिक संबंध बनाने से ही फैलती है।

एंटीबॉयोटिक्स की एक निश्चित डोज देकर इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है लेकिन कुछ मामलों में सही इलाज न मिल पाने के कारण इस घातक बीमारी को काबू कर पाना मुश्किल हो जाता है।

माइकोप्लाज्मा के कारणों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन यह बीमारी पूरी तरह से नई नहीं है। सेंटर फॉन डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, 1980 में पहली बार इस बीमारी की पहचान की गई थी। यह बीमारी chlamydia और gonorrhea जैसी ही है। लेकिन इसके लक्षण की बात करें तो chlamydia के लक्षणों के साथ ही इसमें शारीरिक संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग, इरीटेशन और पेशाब करने में दर्द होना शामिल है।

इस बीमारी में इससे प्रभावित लोगों को बांझपन, जननांगों में जलन और प्री मैच्योर डिलीवरी होना शामिल है। एमजी का वायरस मुख्य रूप से शारीरिक संबंध बनाने से फैलता है BASHH के अनुसार यह बीमारी ओरल सेक्स से भी फैल सकती है।