राज्यपाल से मिले पी0सी0एस0 प्रशिक्षु अधिकारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से आज राजभवन में सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने शिष्टाचारिक भेंट की। उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी, लखनऊ का 52वाँ आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम 23 अप्रैल, 2018 से 20 जुलाई, 2018 तक आयोजित किया गया है। इस आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम में 7 महिलाएं और 32 पुरूष अधिकारी प्रतिभाग कर रहे हैं। राज्यपाल से भेंट करने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों में 02 उप जिलाधिकारी, 19 पुलिस उपाधीक्षक, 04 कोषाधिकारी, 05 सहायक आयुक्त उद्योग विभाग, 05 कृषि अधिकारी कृषि विभाग, 03 सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता व 01 सहायक निदेशक स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग के शामिल थे। इस अवसर पर महानिदेशक अरविन्द कुमार सिंह देव, राज्यपाल के प्रमुख सचिव हेमन्त राव, राज्यपाल के विशेष सचिव डाॅ0 अशोक चन्द्र, अकादमी के अपर निदेशक संजय कुमार सिंह यादव सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

राज्यपाल ने परिचय प्राप्त करने के उपरान्त कहा कि ‘यह अच्छी पहचान है कि जो ‘जयहिन्द सर’ कहकर अभिवादन करते हैं, वे पुलिस सेवा से हैं और जो ‘नमस्कार सर या प्रणाम सर’ कह रहे हैं, वे अन्य सेवा में कार्यरत हैं। प्रसन्नता की बात है कि आपने जनसेवा का प्रण लेकर सरकारी सेवा करने का निर्णय लिया है।’ उन्होंने कहा कि ‘फीडबैक’ लेने के लिये जिस क्षेत्र में काम करते हैं जनसम्पर्क बनाये रखें सदैव व्यवहार कुशलता और विनम्र भाषा का प्रयोग करें। पीड़ित फरियादी के साथ अच्छा बर्ताव करें। गलत परम्पराओं को अपने स्तर पर सुधारने की कोशिश करें, जो भी बात या काम करें उसे पूरे सबूत के साथ रखें जिससे लोगों का आप पर विश्वास बढ़े। उन्होंने कहा कि आपके कार्य से आपको और जिनके लिये काम कर रहे हैं दोनों को समाधान मिलना चाहिए।

श्री नाईक ने दृष्टि में सकारात्मकता लाने की बात कहते हुए कहा कि अपने दायित्व का निर्वहन एवं निष्पादन ठीक प्रकार से करें। आने वाले कल की तैयारी एक दिन पूर्व करें, कठिन परिस्थितियों में संयम से काम लें, सार्वजनिक स्थान पर अपने अधीनस्थों की अवमानना न करें, बल्कि उन्हें सुधारने का प्रयास करें। राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों को ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का मर्म समझाते हुए व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र भी बताये कि सदैव प्रसन्नचित रह कर मुस्कराते रहंे, चेहरे पर मुस्कान से सहज सम्पर्क में आसानी होती है। दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करें चाहे वो आपसे पद में छोटे या बड़े हों और अच्छे गुणों को आत्मसात करने की कोशिश करें, दूसरों को छोटा न दिखाये तथा हर काम को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें।

राज्यपाल ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने 1954 में बी0काम करने के बाद एल0एल0बी तक की पढ़ाई की है। महालेखाकार कार्यलय में कुछ वर्षों तक सरकारी सेवा करने के उपरान्त त्यागपत्र देकर निजी क्षेत्र में भी नौकरी की है। राजनीति में आने के बाद वे मुंबई से लगातार तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमण्डल में वे अनेक विभागों के मंत्री के साथ-साथ लगातार पांच साल पेट्रोलियम मंत्री भी रहे। राज्यपाल ने अपने सार्वजनिक जीवन से जुड़े कुछ अनुभव को भी साझा किये। उन्होंने यह भी बताया कि वे बचपन से सूर्य नमस्कार करते रहे हैं तथा सांसद रहते हुए उन्हें 1994 में कैंसर हुआ था, जिसका इलाज विदेश में न कराकर मुंबई के टाटा अस्पताल में कराया था।

कार्यक्रम में महानिदेशक अरविन्द कुमार सिंह देव ने संस्थान का परिचय देते हुए प्रशिक्षण के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन अपर निदेशक संजय कुमार सिंह यादव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन वित्त अधिकारी मनीष शुक्ल द्वारा दिया गया। प्रशिक्षु अधिकारी प्रशान्त कुमार नायक ने राज्यपाल को पुस्तक भेंट की तथा अनामिका सिंह ने राज्यपाल के प्रमुख सचिव हेमन्त राव को पुस्तक भेंट की।