नई दिल्ली: लखनऊ की तन्वी सेठ और मोहम्मद अनस सिद्दीकी पासपोर्ट विवाद के बाद एक बार फिर विदेश मंत्रालय ने अपना पासपोर्ट नियम बदल दिया है. 29 जून को जारी हुए नए नियम के मुताबिक एक बार फिर से पुलिस वेरिफिकेशन को अनिवार्य बना दिया गया है. अब पुलिस वेरिफिकेशन के समय आवेदक का पते पर रहना. आवेदक की उपस्थित नहीं होने पर पुलिस रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट की प्रक्रिया होल्ड कर दी जाएगी. विदेश मंत्रालय के इस कदम के बाद एक बार फिर आवेदक दुविधा में पड़ गए हैं.

29 जून को जारी निर्देशों में विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि आवेदक को अपने सभी दस्तावेज यानी शैक्षणिक व पहचान प्रमाण पत्र समेत अन्य प्रमाण पत्रों की फोटोकॉपी देनी होगी. इस निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पासपोर्ट के सत्यापन के लिए पुलिस जब पहुंचेगी तो आवेदक को अपने पते पर मौजूद रहना होगा. अगर आवेदक अपने वर्तमान पते पर नहीं मिलेगा तो आवेदन प्रक्रिया रोक दी जाएगी.

इसी क्रम में सोमवार को जब लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में आवेदक पहुंचे तो उन्हें नए नियमों से अवगत करवाया गया. इस नए निर्देश के अनुसार ही अब आवेदन पत्र स्वीकृत किए जाएंगे. जबकि तन्वी और अनस के मामले में पासपोर्ट ऑफिस का तर्क था कि पुलिस सत्यापन में केवल आवेदक की नागरिकता व आपराधिक इतिहास की जांच की जाती है. जिसके आधार पर तन्वी और अनस को पासपोर्ट जारी किया गया था. जबकि उनके लखनऊ और नोएडा निवास का सत्यापन नहीं हो सका था.