नई दिल्ली : सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आज शशि थरूर एडिशनल चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने हाज़िर हुए. कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. कोर्ट ने कहा कि शशि थरूर को औपचारिक रूप से जमानत दर्ज कराने की जरूरत नहीं है. सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील ने सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दाखिल याचिका का भी विरोध किया और इस मामले में उन्हें सुने जाने के अधिकार पर भी सवाल उठाए. आपको बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका में कोर्ट से अपील की थी कि वो इस मामले में थरूर के वकील की मदद करना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी अपील की थी पुलिस को इससे पहले की गई जांच की रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए जाएं. इस मामले में 26 जुलाई को अगली सुनवाई होगी. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में थरूर को आत्महत्या के लिए उकसाने और पत्नी के साथ क्रूरता बरतने का आरोपी बनाया है. गुरुवार को ही पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें इस मामले में अग्रिम ज़मानत दे दी थी. हालांकि दिल्ली पुलिस ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने 1 लाख रुपए के निजी मुचलके पर राहत दे दी थी. थरूर के विदेश जाने पर रोक रहेगी. थरूर को मिली राहत पर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि थरूर को जश्न मनाने की जरूरत नहीं है. वे तिहाड़ जेल में नहीं हैं. वे अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ बैठ सकते हैं, क्योंकि वे दोनों भी 'जमानतवाले' हैं.