लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पोलित ब्यूरो की सदस्य का0
सुभाषिनी अली ने प्रेस वार्ता में कहा कि पूरे देश में दलितों के ऊपर लगातार
हमले बढ़ते जा रहे हैं। जो गंभीर चिंता का विषय है। योगी सरकार जो अपने को दलित
हितैषी बताती है, उसके द्वारा चन्द्रशेखर रावण जैसे दलित नेताओं को राष्ट्रीय
सुरक्षा कानून का गलत इस्तेमाल करते हुए जेलों में डाल रखा है। इस सम्बन्ध में
मेरठ की घटना उल्लेखनीय है जिसमें 2 मई भारत बंद के बाद 4 नाबालिग दलितों को
मेरठ की जेल में गैर कानूनी तरीके से बंद कर रखा है। दलितों महिलाओं पर
उत्पीड़न की घटनायें बढ़ती ही जा रही हैं।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी योगी सरकार द्वारा चलाये गये फर्जी मुठभेड़ों के
खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का स्वागत करती है। जिसमें 3 सप्ताह के अंदर
येागी सरकार को जवाब देने को कहा गया है। पार्टी का स्पष्ट मत है कि अपराध कम
करने के नाम पर जिस प्रकार कुछ खास समुदायों को निशाना बनाया गया वह निंदनीय
है और अपराध कम होने की बजाय प्रदेश में अपराधों में रिकार्ड बढ़ोत्तरी हुई है।
फर्जी मुठभेड़ें मानव अधिकारों का हनन है। जिसकी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
निंदा करती है।

पिछले एक वर्ष में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की वीभत्स घटनायें हुई हैं। सबसे
ज्यादा चिन्ता की बात यह है कि जिन घटनाओं में सत्ताधारी पार्टी के नेता शामिल
रहे, वहां उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश सरकार द्वारा की गयी। इस सम्बन्ध में
उन्नाव की घटना उल्लेखनीय है। लगातार यह देखने में आ रहा है कि थाना स्तर पर
रिपोर्ट दर्ज करवाना काफी मुश्किल होता जा रहा है।

दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वायदा करके सत्ता में आने वाली भाजपा सरकार
इस मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है। आज पढ़े लिखे नौजवान रोजगार की तलाश में
भटक रहा है। शिक्षा मित्रों को वायदे के बाद भी स्थाई नहीं किया गया है और
उनका आंदोलन जारी है। जीएसटी व नोटबंदी ने छोटे व्यापारियों को बदहाल किया है।
वालमार्ट के खिलाफ व्यापारियों के आंदोलन का मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
पूरा समर्थन करती है।