कन्नौज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यायल पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों विश्वविद्यालयों में दलितों को आरक्षण के तहत दाखिला नहीं दिया जाता है। साथ ही कहा कि बीएचयू में इस तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है। दलित हित की बात करने वालों को घेरते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा को बदनाम करने वाले इस मुद्दे पर क्यों खामोश हैं। योगी ने कहा कि भाजपा को दलित विरोधी होने की साजिश की जा रही है।

कन्नौज के छिबरामऊ में हुए कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी पार्टियां भाजपा सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा रही हैं। जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। कहा कि दलित मुद्दों पर आवाज उठाने वाले लोग अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया विश्वविद्यालय पर खामोश हो जाते हैं। आरोप लगाया कि इन दोनों ही विश्वविद्यालय में दलितों के साथ भेदभाव होता है। उन्हें वहां दाखिला नहीं दिया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों ही विश्वविद्यालय में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की जाती है। साथी ही उऩ्होंने पूछा कि आखिर वहां नियमों की अनदेखी करने के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाई जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह तुष्टीकरण के तहत किया जा रहा है। महामना मदन मोहन मालवीय की धरोहर काशी हिन्दु विश्वविद्यालय में दलितों और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को आरक्षण की सुविधा मिल सकती है तो अलीगढ़ विश्वविद्यालय में क्यों नहीं मिल सकती?

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार में दलित वर्ग को पूरा सम्मान दिया जा रहा है। सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उन तक बिना किसी भेदभावके पहुंचाया जा रहा है। चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना हो या उज्जवला योजना हो या फिर शौचालय निर्माण हो या फिर मुफ्त बिजली कनेक्शन देने की योजना, सभी में दलित वर्ग को भी उनका हक दिया जा रहा है। लेकिन विपक्ष भ्रमित कर रहा है।