नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि हिंसा और क्रूरता से कभी किसी समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता. जीत हमेशा शांति और अहिंसा की होती है. त्याग और बलिदान से हम आगे बढ़ सकते हैं.

पीएम मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के 45वें एपिसोड में ये बातें कही. गुरु नानक और कबीर दास का हवाला देते हुए मोदी ने कहा, 'दोनों ने जातिवाद के खिलाफ लड़ाई की. सामाजिक सौहार्द्र के लिए काम किया.'

संत कबीरदास का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, "कबीरदास के मगहर जाने के पीछे एक कारण था. उस समय एक धारणा थी कि मगहर में जिसकी मौत होती है, वह स्वर्ग नहीं जाता. इसके उलट काशी में जो शरीर त्याग करता है, वो स्वर्ग जाता है. मगहर को अपवित्र माना जाता था, लेकिन संत कबीरदास इस पर विश्वास नहीं करते थे. उन्होंने समाज में जात-पात का भेदभाव मिटाया."

उन्होंने भारतीय जन संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का हवाला देते हुए कहा, 'वह हमेशा भारत की एकता और अखंडता के लिए काम करते रहे. 23 जून को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि थी. डॉ. मुखर्जी के करीबी विषयों में शिक्षा, प्रशासन और संसदीय मामले थे.'

जलियांवाला बाग हत्याकांड के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि इस घटना के 100 वर्ष पूरे होने वाले हैं. इसे हम कैसे स्मरण करें, हम सब इस पर सोच सकते हैं, लेकिन इस घटना ने जो अमर संदेश दिया, उसे हम हमेशा याद रखें.

पीएम मोदी ने पूरी दुनिया में मनाए गए योग दिवस का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "योग दिवस पर अलग ही नजारा था, जब पूरी दुनिया एकजुट नजर आई. विश्वभर में योग दिवस को उत्साह के साथ मनाया गया. सऊदी अरब में पहली बार ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ और मुझे बताया गया है कि बहुत सारे आसन महिलाओं ने किए. लद्दाख की ऊंची चोटियों पर भारत और चीन के सैनिकों ने एकसाथ मिलकर योगाभ्यास किया."