लखनऊ: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार कश्मीर से हर हाल में आतंकवाद का सफाया करना चाहती है। केंद्रीय गृह मंत्री ने बुधवार को राजधानी लखनऊ में निजी अस्पताल हार्टकेयर का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से कहा 'हम किसी भी कीमत पर सीमा पार से आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कश्मीर में शांति कायम रहे।'

राजनाथ ने कहा कि कश्मीर से आतंक का सफाया करना है। केन्द्र सरकार रमजान महिने के दौरान में कार्रवाई रोकना चाहती थी और हमने ऐसा किया भी। अब रमजान खत्म होने के बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। अब कश्मीर में आतंक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गृहमंत्री का यह बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि कल ही भाजपा ने जम्मू कश्मीर में पीडीपी से गठबंधन तोड़ा है, जिसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को इस्तीफा देना पड़ा और प्रदेश में आज से राज्यपाल शासन लागू हो गया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा 'हमने अपना वायदा पूरा किया और रमजान के दौरान कश्मीर में सैनिकों ने कोई कार्रवाई नही की। अब रमजान समाप्त हो गया है, हमारा मुख्य उद्देश्य कश्मीर में शांति सुनिश्चित करना है। केंद्र सरकार कश्मीर में किसी तरह की आतंकवादी गतिविधियों को स्वीकार नहीं करेगी।' उन्होंने कहा कि इसी लक्ष्य को सामने रखकर हमारी सरकार काम करेगी।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में लागू राज्यपाल शासन से आतंकवाद रोधी अभियानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई राजनीतिक दखलंदाजी नहीं होगी। रावत ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा, “हमने सिर्फ रमजान में अपना अभियान रोका था। हमारा अभियान पहले की तरह जारी रहेगा। हमें किसी राजनीतिक दखलंदाजी का सामना नहीं करना पड़ता है।”

रमजान के महीने में 16 मई को घोषित एकतरफा संघर्षविराम को केंद्र ने आगे नहीं ले जाने का फैसला किया है। सरकार ने यह फैसला घाटी में आतंकवादी गतिविधियों के जारी रहने के बाद लिया है। सरकार द्वारा संघर्षविराम को रोकने का फैसला लेने के दो दिन बाद ही भाजपा ने गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया।