टाटा ट्रस्ट्स’ फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड सोशल एंटरप्रेन्योरशिप (एफआईएसई) ने आज हाईटेक पोर्टेबल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआइ) स्कैनर के विकास की घोषणा की। यह भारत में विकसित किया गय पहला स्कैनर है, जो एमआरआइ को सभी के लिए किफायती एवं सुलभ बनायेगा। टाटा ट्रस्ट्स’ फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड सोशल एंटरप्रेन्योरशिप (एफआईएसई) के इनक्यूबेटर के तौर पर वोक्सेलग्रिड्स की बेहद प्रतिभाशाली इंजीनियरों की टीम ने केवल 24 महीनों में यह इनोवेशन करने में सफलता हासिल की है।
इस समय बाजार में मौजूद अन्य स्कैनर्स की तुलना में 1.5 टेस्ला होल-बाॅडी एमआरआइ स्कैनर तीन से 4 गुना ज्यादा तेजी से एमआरआइ स्कैन करेगा। यह स्कैनर काॅम्पैक्ट, वजन में हलका है और बहुत कम बिजली की खपत करता है।

इन उपकरणों के विकास से एमआरआइ स्कैन के खर्च में उल्लेखनीय कटौती होगी। इससे उन बीमारियों का दायरा बढ़ेगा, जिनका एमआरआइ से पता लगाया जा सकता है। यह पूरी तरह से पोर्टेबल होल-बाॅडी हाई फील्ड एमआरआइ स्कैनर्स को लगाना सक्षम बनायेगा। इस सिस्टम को ट्रक पर लगाकर देश के दूर-दराज के छोटे कस्बों में ले जाया जा सकता है, जिससे जिला स्तर और प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स पर भी वास्तविक समय में मरीजों की एमआरआइ स्कैनिंग की जा सकेगी।

टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन श्री रतन एन. टाटा ने कहा, “कोई भी आविष्कार करने और किसी भी कारोबार में सफल होने के लिए रचनात्मकता, कड़ी मेहनत और धीरज की जरूरत होती है। मैं बहुत खुश हूं कि हमारी एमआरआइ प्रोजेक्ट टीम ने इस खूबी का प्रदर्शन किया है। नए प्रतिभाशाली आविष्कारकों को कारोबारी जोखिम लेने के लिए प्रोत्साहित करने और सकारात्मक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव उत्पन्न के लिए एक सक्षम इको सिस्टम बनाने की जरूरत है।