सरकार बनने पर 10 दिन में किसानों का क़र्ज़ होंगे माफ़

मंदसौर: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि पीएम ने किसानों को धोखा दिया है। मोदी सरकार ने देश के किसानों से झूठ बोला। वे इसी वजह से आज आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। किसान, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिल में नहीं हैं। आलम यह है कि पूरे देश के किसान आज हक की आवाज उठा रहे हैं।

बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मध्य प्रदेश के मंदसौर में थे। किसान समृद्धि संकल्प रैली को संबोधित करने से पहले वह उन पीड़ित परिवारों से भी मिले, जिनके सदस्य (किसान) पिछले साल पुलिस के साथ हुई झड़प-फायरिंग के दौरान मारे गए थे। उन्होंने बताया, “जो खाना हम खाते हैं, वह हमारे किसानों और उनके परिवारों की उपज की देन है। न कि अमीर कारोबारियों की। यही कारण है कि किसान हमारी प्राथमिकता हैं। हम खोखले वादे नहीं करेंगे। जो मैं बोलूंगा, वह मैं कर के दिखा दूंगा।”

बकौल कांग्रेस अध्यक्ष, “साल भर पहले यहां मध्य प्रदेश सरकार (शिवराज सिंह चौहान की सरकार) ने किसानों पर गोली चलाई। किसानों को मारा। ऐसे आज पूरे देश में किसान हक मांग रहा है। आत्महत्या कर रहा है। सच्चाई यह है कि मोदी जी की सरकार हो या शिवराज जी की, इन सरकारों के दिल में किसानों के लिए थोड़ी सी जगह भी नहीं है।”

पीएम पर अमीरों और कारोबारियों को मदद करने का आरोप मढ़ते हुए वह बोले, “पीएम और बीजेपी की प्राथमिकता में अमीर कारोबारियां की मदद करना ही है। ऐसे में मैं आश्वासन देता हूं कि जिस दिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी, 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।”

यही नहीं, राहुल ने कहा कि नीरव ‘भाई’ और मेहुल ‘भाई’ को पीएम ने तीस हजार करोड़ रुपए दे दिए। इतने में तो मध्य प्रदेश में किसानों का दो बार कर्ज माफ किया जा सकता है। सूबे में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों को 10 दिनों के भीतर न्याय दिलाया जाएगा। साथ ही जिन्होंने बेगुनाह किसानों पर गोलियां चलाई थीं, उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राहुल ने इसी के साथ रोजगार के मसले पर पीएम को घेरा। कहा कि मोदी जी ने किसानों से धोखा किया। लेकिन सबसे बड़ा धोखा उन्होंने देख के युवाओं को दिया। 15 लाख रुपए और दो करोड़ नौकरियां देने का उन्होंने वादा जो किया था। मगर हम खोखले वादे नहीं करेंगे। हमने पीएम से कहा कि किसानों की आवाज सुनें, मगर वह चुप्पी साधे रहे। किसानों के लिए उनके पास एक शब्द नहीं था।

इस अवसर पर कमलनाथ, सिंधिया के अलावा वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा, सुरेश पचौरी, दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया और अन्य नेता भी मौजूद थे। राज्य में पिछले पंद्रह सालों से कांग्रेस सत्ता से बाहर है। केंद्रीय नेतृत्व ने हाल ही में कमलनाथ को अरुण यादव के स्थान पर प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सौंपी है। सिंधिया को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।