सुल्तानपुर। जहरीले होते जा रहे पर्यावरण से चिंतित घर सुल्तानपुर
फाउंडेशन के सैकड़ों सदस्यों ने विश्व पर्यावरण दिवस पर देव वृक्ष पारिजात
से मानव श्रृंखला बनाकर जागरूकता अभियान चलाया। घर सुल्तानपुर फाउंडेशन
के सदस्यों ने लोगों को पालीथीन का प्रयोग न करने की नसीहत दी और पालीथिन
के प्रयोग से होने वाले नुकसान के प्रतिे आगाह किया ।

5 जून 2018 विश्व पर्यावरण दिवस को घर सुल्तानपुर फाउंडेशन द्वारा
विश्व पर्यावरण दिवस पर हरीतिमा संवर्धन के लिए वृक्ष लगाने की अपील व
पर्यावरण को बचाने के लिए पॉलीथिन को बंद करने के लिए जन जागरूकता रैली
निकाली गई। घर सुल्तानपुर फाउंडेशन के सदस्यों ने बताया कि विश्व
स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आज समुद्र में हर तीसरे कछुए के पेट में
प्लास्टिक है, और अगर यही स्थिति रही तो वर्ष 2050 तक मछलियों से ज्यादा
प्लास्टिक होंगे। रैली की शुरुआत डॉ डी एस मिश्रा ने फाउंडेशन के सदस्यों
को वृक्ष देकर शुरू किया। सब्जी मंडी, चैक, डाकखाना चैराहा होते हुए रैली
दुर्लभ पारिजात वृक्ष पहुंची और वहां पर मानव श्रृंखला बनाकर शपथ ली गई
कि किसी भी स्थिति में हम पॉलीथिन का प्रयोग नहीं करेंगे। घर से निकलते
समय कपड़े के बैग को ले करके निकलेंगे उसी में सभी तरह के खरीदारी किए हुए
सामानों को रखेंगे और पॉलीथिन के प्रयोग न करने के लिए सभी को जागरुक
करने का काम करते रहेंगें। समापन के समय विधायक प्रतिनिधि रूपेश सिंह ने
कहा कि पॉलिथीन का प्रयोग बहुत ही भयावह स्थिति में पहुंच चुका है।
पॉलीथिन का प्रयोग न रुका तो वास्तव में हमारे पर्यावरण को बहुत हानि
पहुंचाएगा क्योंकि पॉलिथीन किसी भी स्थिति में नष्ट नहीं हो पा रहा है।
कार्यक्रम में रज्जन सिंह, बबिता तिवारी सोहगौली, शिवाकांत पांडे, शिव
प्रसाद वर्मा, सुधीर तिवारी, प्रणीत सिंह, विनय राजपूत, प्रियंका
त्रिपाठी, दीनबन्धु सिंह, पवन द्विवेदी, कुलदीप गुप्ता, अमरीश मिश्रा,
अनुराग गुप्ता, हिमांशु श्रीवास्तव, हिमांशु अग्रवाल, अनूप गुप्ता, संदीप
सिंह, अभिषेक, आकर्षित, हर्ष, सूरज जायसवाल, आकाश, नीरज कसौधन, पंकज
तिवारी, मोनू सिंह, मनीष भारद्वाज सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सीओ और कोतवाल ने किया वृक्षारोपण

विश्व पर्यावरण दिवस पर सीओ नगर श्यामदेव और नगर कोतवाल श्यामसुन्दर
पाण्डेय ने नगर कोतवाली परिसर में वृक्षारोपण किया। सीओ ने कहा कि वृक्ष
लगाने से जहां पर्यावरण शुद्ध होता है वहीं वृक्षों की छांव में लोग
विश्राम करते हैं। वृक्ष मानव जीवन के लिए वरदान हैं। हर व्यक्ति का
कर्तव्य है कि वह हर वर्ष कम से एक वृक्ष अवश्य लगायें। आज जिस तरह
वातावरण जहरीला हो गया है उससे निजात पाने के लिए वृक्ष ही सर्वोत्तम
साधन है।