लखनऊ। गीता परिवार की ओर से रविवार को तीन दिवसीय 9 संस्कार पथ व्यक्तित्व विकास शिविरों का समापन किया गया, जिनमें कुटिया बाबा रामदास ऐशबाग में ध्यान में सताक्षी, गीता में तनिष्का, भगवती स्तोत्र में अभिषेक, धु्रव साधना में अभिमान, सर्वश्रेष्ठ शिविरार्थी में युग विजयी रहे। मंच संचालन ममता रानी तथा शिविर संचालन अनमिका मिश्रा, दिव्याशी मिश्रा, सोनलिका, अभिषेक कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर भी भुईयन देवी मंदिर पारा, देवेश्वर धाम मंदिर संजयनगर, पुनीत पार्क गढ़हैया रकाबगंज, लाल बहादुर शास्त्री पार्क राजाजीपुरम, गुड़िया पार्क मोतीझील, दुर्गा पूजा पार्क मालवीयनगर, काकोरी शिविर, श्रावस्ती शिविरों का समापन हुआ। समापन पर विजयी बच्चों को मुख्य अतिथियों ने पुरस्कारों से सम्मानित किया। मुख्य अतिथियों में अनुराग पाण्डेय महासचिव गीता परिवार, शिवेन्द्र मिश्रा कार्य विस्तारक, सरिता द्विवेदी समाजसेवी मौजूद थी। शिविर समापन पर अनुराग पाण्डेय ने सभी बच्चों को बुरी आदतों को छोड़ने, अच्छी आदतों को ग्रहण तथा अपने आसपास पौधरोपण करने का संकल्प दिलवाया। मीडिया प्रभारी ने बताया कि संस्कृत बोलने से क्या-क्या फायदे हो सकते है जैसे- रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि, वाणी का उच्चारण शुद्ध, स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। इसलिए सभी बच्चों को संस्कृत से दूर नहीं भागना चाहिए, क्योंकि ये संस्कृत ही प्राचीन समय में हमारी मातृभाषा थी। जितने भी ग्रन्थ, वेद, पुराण, श्रीमद्््भगवद गीता इत्यादि संस्कृत में ही लिखे गये है। वहीं दूसरी ओर भवाना शिवालय राजाबाजार, शिव मंदिर गुलजारनगर, साई बाबा मंदिर गणेशगंज, ठाकुरद्वारा बिहराना, तिकोना पार्क रकाबगंज, मडियांव में भुईया देवी मेला मैदान, शिव मंदिर हरिओमनगर में शिविर चर्मात्कर्ष पर है। सभी शिविरों में प्रशिक्षित प्रशिक्षक द्वारा मंगलस्मरण, प्रार्थना, ध्यान, योग, गीता श्लोक, कहानियां, प्रात्यक्षिक, स्तोत्र विभिन्न प्रतियोगिताओं में सिखाये गये।