शिलांग: मेघालय की राजधानी और उत्तरपूर्वी भारत का मशहूर हिल स्टेशन शिलॉन्ग शुक्रवार (एक जून) को सांप्रदायिक तनाव से धधक उठा। मोतपहरान इलाके में पुलिस-सुरक्षाबलों और आक्रोशित भीड़ के बीच टकराव के बाद यहां के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया। सुरक्षा कारणों के चलते राज्य के कई इलाकों में इंटरनेट सेवाओं पर भी अस्थाई तौर पर रोक लगा दी गई है।

भीड़ के साथ झड़प के दौरान पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया था, मगर यह रणनीति काम न आई। दोनों पक्षों के बीच टकराव से पहले गुरुवार (31 मई) की रात यहां के थेम ऐऊ मावलंग (हरिजन लेन) में कुछ लोगों ने कथित तौर पर एक बस कंडक्टर पर हमला किया था। ड्राइवर उस दौरान चाय लाने पास में ही गया हुआ था, जबकि उसके दो बेटे और एक भतीजा बस में ही थे।

ड्राइवर की गैरहाजिरी में एक महिला बस में आई थी, जिसने उन लड़कों से बस से उतरने के लिए कहा, मगर तीनों ने मना कर दिया। महिला इसके बाद लौट गई और कुछ लोगों के साथ दोबारा वहां आई, जिसके बाद उन लोगों ने तीनों लड़कों की पिटाई कर दी। मारपीट में ड्राइवर के 15 वर्षीय बेटे (छोटा) के सिर में चोट आई।

घटना के फौरन बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जबकि कैंट बीट हाउस पुलिस को इस संबंध में शिकायत दी गई। मामला रफा-दफा हो गया था। मगर शाम ढलने के बाद हालात और बिगड़ गए। ढेर सारे ड्राइवर इस घटना के विरोध में एकजुट हुए और जमकर बवाल काटा। पुलिस और उनके बीच झड़प के दौरान पत्थरबाजी हुई। एक पत्रकार और चार नागरिक इसमें जख्मी हुए।

ईस्ट खासी हिल्स जिला पुलिस मुखिया देवीस मारक ने बताया कि उन्होंने चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी थी। बवाल के दौरान शरारती तत्वों ने चार वाहनों को अलग-अलग जगहों पर आग के हवाले कर दिया था। तीन पत्थबाजों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनसे पेट्रोल बम और कुछ हथियार बरामद किए हैं।