डीजीपी व सीएम कार्यालय के हस्ताक्षेप पर दर्ज हुआ केस

सुलतानपुर। किशोरी को अगवा कर महीना भर बंधक बनाकर गैंगरेप के मामले में
पुलिस ने मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज कार्रवाई से पल्ला झाड़ लिया है।
पीड़िता ने पुलिस पर मामले में सुलह के लिए दबाव बनाने एवं आरोपियों को
संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के पठानीपुर गांव से जुड़ा है। जहां
के रहने वाले शहबान, पप्पू, निहाल, जुगनू, बाबुल, कलामुद्दीन, फखरुद्दीन
व सहाबुद्दीन के खिलाफ पीड़िता ने गंभीर आरोप लगाये हैं। पीड़िता के
मुताबिक बीते 16 अप्रैल को वह घर से दवा लेने के लिए सुलतानपुर आयी थी।
आरोप है कि यहीं से ही उसके पीछे आरोपीगण लग गये थे,लेकिन उन लोगों की
नीयत को भांपकर वह किसी तरीके से अपने को बचाकर गोसाईगंज बाजार तक
पहुंची,लेकिन वहीं पर घात लगाये बैठे आरोपियों ने उसे जबरन बोलेरो जीप पर
बिठाकर अगवा कर लिया। आरोप है कि आरोपीगण उसे कुछ ही दूर पर स्थित एक
गांव के बंद कमरे में करीब महीने भर तक बंधक बनाये रखे और गैंगरेप किया।
इस बीच घर वाले परेशान रहे और पुलिस वालों को सूचना भी दी,लेकिन पुलिस ने
उनकी एक भी न सुनी। बीते 18 मई को किसी तरीके से वह बंद कमरे से भाग
निकली और अपने घर जाकर परिजनो को आपबीती बतायी। इस घटना के संबंध में
परिजनों ने थाने पर जाकर सूचना दी,लेकिन आरोप है कि थाने में तैनात दरोगा
राणा प्रताप सिंह आरोपियों का पक्ष लेते हुए पीड़ित पक्ष पर ही सुलह के
लिए दबाव बनाते रहे। थाने की पुलिस से थक हारकर पीड़ित परिवारीजनों ने
डीजीपी व मुख्यमंत्री कार्यालय में भी पहुंचकर अपनी व्यथा व्यक्त की।
जहां से हस्ताक्षेप होने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मात्र
बहला-फुसलाकर भगाने सहित अन्य मामूली धाराओ में मुकदमा दर्ज किया। पुलिस
मामले में पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद कोर्ट में बयान भी दर्ज
करा चुकी है। आरोप है कि आरोपीगण अब भी मामले में सुलह-समझौते के लिए
पीड़ित पक्ष को धमकी दे रहे हैं। सुलह न करने पर वारदात को दोहराने व जान
से मार डालने की धमकी भी मिल रही है। इस संबंध में थानाध्यक्ष से बात की
गयी तो उन्होंने पुलिस की सफाई देते हुए नियमानुसार कार्रवाई कराने की
बात कही है।