पुस्तक मेले में आयोजित “सुर-तरंग” प्रतियोगिता में बिखेरा था अपनी आवाज़ का जादू

लखनऊ: संगीत नाटक अकादमी परिसर में सम्पन्न पुस्तक मेला में विगत 03 मई को आकाशवाणी द्वारा युवा प्रतिभाओं के लिए आयोजित “सुर-तंरग” प्रतियोगिता के विजेताओं का सम्मान समारोह, आज सायं आकाशवाणी लखनऊ के सभागार में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ग्रामीण बैंक आॅफ आर्यावर्त के अध्यक्ष श्री शिव बजरंग सिंह थे। श्री सिंह ने कहा कि संगीत मनुष्यों की ज़िन्दगी के हर क्षेत्र को छूता है। संगीत से जुड़ने पर समाज के हर क्षेत्र से जुड़ा जा सकता है। आकाशवाणी लखनऊ के केन्द्र निदेशक पृथ्वीराज चैहान ने कहा कि आकाशवाणी ने अपने प्रारंभिक काल से संगीत की प्रतिभाओं को न केवल बढ़ावा दिया वरन् उनको संरक्षण भी दिया। इसी क्रम में विजयी प्रतियोगियों को एफ.एम. रेनबो पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर दिया जाएगा। इस अवसर पर सभी विजयी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र, टी-शर्ट एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया।

सम्मान समारोह के पश्चात् सभी पुरस्कृत प्रतिभागियों ने अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा।

प्रथम पुरस्कार प्राप्त माधव डलमऊ ने अहमद फ़राज़ की प्रसिद्ध ग़ज़ल “रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ” सुनायी तो द्वितीय पुरस्कार प्राप्त आयुष राज खरे ने “मोरा सैंया मोसे बोले ना” सुनाकर वाहवाही लूटी। सम्मान समारोह में विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त 26 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। सम्मान समारोह में आकाशवाणी लखनऊ के उपनिदेशक (अभियांत्रिकी) श्री दयासागर बौद्ध, सहायक निदेशक(कार्यक्रम) श्रीमती ग़ज़ाला शहनाज़, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिशासी श्री अनुपम पाठक, श्री प्रतुल जोशी, श्री संजय पाण्डेय, डाॅ0 के0 बी0 त्रिवेदी, श्रीमती प्रभा कुमार, सुश्री ममता उपाध्याय, श्रीमती स्पर्शिता श्रीवास्तव, श्री संजय धर द्विवेदी के अतिरिकत बड़ी संख्या मंे आकाशवाणी और एफ.एम. के उद्घोषक एवं एंकर मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री शीबा राकेश ने किया।