नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने डेढ़ साल बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नोटबंदी की आलोचना की है। नायडू ने कहा कि पहले उन्होंने इस योजना की तारीफ की थी और उन्हें लगा था कि देश का बैंकिंग सिस्टम मजबूत होगा और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी लेकिन केंद्र सरकार की वजह से सरकारी बैंक दिवालिया होने की कगार पर हैं। नायडू ने कहा कि मोदी सरकार की वजह से लोगों में बैंकिंग सिस्टम पर से भरोसा उठता जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज तक के राजनीतिक जीवन में इस तरह का नकदी संकट नहीं देखा था। बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भी पहली बार नोटबंदी की आलोचना की है। नीतीश जब एनडीए में शामिल नहीं थे तब भी उन्होंने इसकी तारीफ की थी लेकिन अब एनडीए में होने के बावजूद मोदी सरकार की इस अहम योजना की उन्होंने आलोचना की है। नीतीश ने कहा कि नोटबंदी का जो लाभ मिलना चाहिए था वो नहीं मिल सका।

नायडू ने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में सभी क्षेत्रीय पार्टियां किंग मेकर होंगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए सभी क्षेत्रीय दल एकजुट हो रही हैं। वे सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगी और बीजेपी को हार का स्वाद चखाएंगी। बता दें कि चंद्रबाबू नायडू की पार्टी करीब चार साल तक एनडीए की पार्टनर थी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल थी। इसी साल आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर मोदी सरकार से मतभेद होने पर टीडीपी ने एनडीए से अलग होने का फैसला किया था। तब से नायडू लगातार पीएम मोदी पर हमला बोलते रहे हैं।

पिछले हफ्ते बुधवार (23 मई) को ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में मंच पर सभी मोदी विरोधी क्षेत्रीय दलों के पार्टी प्रमुखों का जमावड़ा दिखा था। वहां मंच पर सभी नेताओं ने हाथों में हाथ डालकर विपक्षी एकजुटता का परिचय दिया था। इसे मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता के तौर पर देखा गया था। कांग्रेस की तरफ से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी राजा, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी, शरद यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव, रालोद अध्यक्ष अजित सिंह, जेएमएम नेता हेमंत सोरेन समेत दर्जन भर दलों के नेता वहां मौजूद थे। चंद्रबाबू नायडू भी उनमें शामिल थे।