लखनऊ: मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने पर 100 से अधिक जनसंगठनों, वर्गीय संगठनों व सामाजिक आन्दोलन के संयुक्त मंच जनएकता-जनअधिकार आन्दोलन के देशव्यापी आह्वान पर लखनऊ में जनएकता-जनअधिकार आन्दोलन लखनऊ द्वारा 22 केसरबाग से जुलूस निकालकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन प्रेशित किया।

किसानों के सभी प्रकार के कर्जे माफ करने, उपज का डेढ़ गुना दाम देने, न्यूनतम मजदूरी 18,000 रू0 प्रतिमाह सुनिष्चित करवाने, नौजवानों को 2 करोड़ रोजगार देने के वादे को पूरा करने, महिला सुरक्षा को कारगर बनाने, रिटेल, रक्षा और बीमा क्षेत्र में एफ0डी0आई0 पर रोक लगाने, श्रम कानूनों में मजदूर विरोध संशोधन वापस कराने, देश में डीजल और पैट्रोल के बढ़े दामों, देश में बड़े पैमाने पर वंचित तबको, अल्पसंख्यकों, दलितों, महिलाओं पर बढ़ते हमलों के खिलाफ 16 से 22 मई तक देश व्यापी पोल खोल-हल्ला बोल अभियान चलाया गया और आज पूरे देश के पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किये गये। इसी क्रम में आज लखनऊ में सैकड़ो महिलाओं, किसानों, मजदूरों और छात्रों नें 45 डिग्री तापमान में 22 कैसरबाग से बारादरी भातखण्डे से स्वास्थ्य विभाग होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद प्रतिरोध सभा हुई जिसको ऐटक नेता अरविन्द राज स्वरूप, सीआईटीयू के राज्य सचिव प्रेमनाथ राय, महिला फेडरेशन की आशा मिश्रा, जनवादी महिला समिति से सुमन सिंह, पीयूसीएल से आशीष अवस्थी, एक्टू से रमेश सिंह, एपवा से मीना सिंह, किसान सभा से छोटेलाल रावत, यूपीएमएसआरए से अरूण सिंह, भवन निर्माण से प्रवीन पाण्डेय, कलम से रिशी श्रीवास्तव, आरवाईए से राजीव गुप्ता आदि ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह असफल है जो वादे करके वो सत्ता में आए थे उनको पूरा करना तो दूर उसमें कोई पहलकदमी भी नही हुई। दूसरी ओर मोदी राज में तमाम मेहनतकष, वंचित तबकों, महिलओं, अल्पसंख्यकों और दलितो पर हमले बढ़े हैं। आज का प्रतिरोध यह साबित करता है कि पूरे देश में मोदी सरकार के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी है और मो 2019 में इनको सबक सिखाने के लिए तैयार है।