लखनऊ : “गोरखपुर में दलित उत्पीडन की जांच करेगी कमेटी” यह बात आज एस.आर. दारापुरी, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एवं संयोजक जन मंच ने प्रेस को जारी बयान में कही है. उन्होंने कहा है कि 15 मई को गोरखपुर के गगहा थाने के अस्थौला गाँव के दलितों द्वारा ग्राम समाज की ज़मीन पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा करवाने का विरोध किया गया था. अगले दिन जब दोनों पार्टियों को थाने पर बुलाया गया तो वहां पर पहले एक दबंग द्वारा पुलिस की मौजूदगी में एक दलित की पिटाई की गयी तथा विरोध करने पर पुलिस द्वारा भी दलितों की ही पिटाई की गयी. इस सूचना पर जब गाँव के लोगों ने मिल कर थाने पर पिटाई का विरोध किया तो पुलिस ने उन पर गोली चलाई जिससे तीन दलित घायल हो गये जो मेडिकल कालेज में भर्ती हैं. इसके बाद पुलिस ने भारी संख्या में दलित बस्ती पर चढ़ाई की और वहां पर उपलब्ध औरतों, बच्चों तथा बूढ़ों को बुरी तरह से मारा पीटा तथा घरों में तोड़फोड़ की. अब तक पुलिस संगीन धारायों में 29 दलितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है जिसमे दो औरतें भी हैं. पुलिस के डर से दलित घर छोड़ कर भगे हुए हैं.

पुलिस द्वारा दलित उत्पीड़न की जांच हेतु एक कमेटी गठित की गयी है जिस में हरीश चन्द्र पूर्व आई.ए.एस, एस.आर.दारापुरी, पूर्व आई.जी; राम कुमार, निदेशक डग संस्था; राम दुलार, एनससीडीएचआर; अरविन्द, एक्शनएड; शोभना मशाल, अखिल भारतीय दलित महिला मंच तथा दौलत राम, निदेशक भारतीय जन सेवा आश्रम होंगे. यह कमेटी 22 मई को गोरखपुर जा कर पीड़ितों तथा अधिकारियों से मिलेगी तथा 23 मई को प्रेस वार्ता करेगी. इसके बाद लखनऊ में भी जांच रिपोर्ट जारी की जाएगी.