लखनऊ: समाजवादी बौद्धिक सभा ने प्रख्यात साहित्यकार श्री रस्किन बॉण्ड का जन्मदिन मनाया। इस उपलक्ष्य में उनके “व्यक्तित्व व कृतित्व“ परिचर्चा का आयोजन किया गया। रायल होटल में आयोजित परिचर्चा को संबोधित करते हुए समाजवादी चिन्तक व बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि श्री बॉण्ड भले ही रंग-रूप व शरीर से अंग्रेज हो लेकिन उनकी आत्मा भारतीय है। भारत की आजादी के वक्त जहाँ सभी अंग्रेज इंग्लैण्ड लौट रहे थे वहीं श्री बॉण्ड हाथ में तिरंगा लेकर आजादी का जश्न मना रहे थे व प्रभातफेरियों में शामिल हो रहे थे।
श्री मिश्र ने कहा कि रस्किन ने सतत् साधना भारतीय साहित्य व मनीषा को समृद्ध किया है। वे नई पीढ़ी के कलमकारों के आदर्श व प्रेरणाश्रोत हैं।

श्री मिश्र ने प्रधानमंत्री से बॉण्ड को “पद्मविभूषण“ से विभूषित करने की माँग करते हुए कहा कि रस्किन जीवन की किंवदन्ती हैं। रस्किन, हेराल्ड लास्की, राम मनोहर लोहिया बयालिस की क्रांति के दौरान कारागार में निरुद्ध राम मनोहर लोहिया को रिहा कराने के लिए अभियान चलाने वाले व पंडित दीन दयाल को अतिथ्य प्रदान करने वाले सीनेटर सोरेनसेन, क्लीमेंट एटली की परम्परा व भवभूमि के अंग्रेज हैं जिनका हृदय मानवता व भारत के लिए धड़कता है। उनसे मिलने के बाद पता चलता है कि महान व बड़े लोग कैसे होते हैं। परिचर्चा में हिन्दी शिक्षक मंच के दीपक राय (आजमगढ़), इतिहासविद् प्रो० पंकज समेत कई बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किये। संचालन सबौस के गोरखपुर ईकाई के संयोजक धीरज गुप्ता ने किया।