वुहान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच चीन के क्रांतिकारी नेता माओ त्से तुंग की पसंदीदा जगह वुहान में ‘दिल से दिल’ की अनोखी बात की शुरुआत हुई. प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार सुबह वुहान पहुंचे, जहां राष्ट्रपति शी ने उनका भव्य स्वागत किया. इसके तुरंत बाद दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदियों पुराने चीन – भारत संबंधों की प्रशंसा करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से कहा कि दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक ‘बड़ा अवसर’ है. मोदी ने शी से कहा, ‘‘यदि 2019 में भारत में हम इस तरह की अनौपचारिक बैठक का आयोजन कर सके तो मैं खुश होऊंगा.’’

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी के लिए काम करने की जिम्मेदारी भारत और चीन के ऊपर है और दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक बड़ा मौका है.

पिछले वर्ष 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के बाद भारत और चीन अपने संबंधों को सुधारने और फिर से विश्वास बहाली के लिए प्रयास कर रहे हैं.
मोदी ने याद किया कि इतिहास के 2000 वर्षों के दौरान, भारत और चीन ने एक साथ मिलकर विश्व अर्थव्यवस्था को गति और ताकत प्रदान की थी और लगभग 1600 वर्षों तक इस पर दबदबा कायम रखा था.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दोनों देशों ने 1600 वर्षों के लिए एक साथ विश्व अर्थव्यवस्था का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा बनाया और बाकी दुनिया द्वारा 50 प्रतिशत साझा किया गया.’’

मोदी ने कहा कि भारत के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि राष्ट्रपति शी ने राजधानी से बाहर आकर दो बार उनकी अगवानी की. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘शायद मैं पहला ऐसा भारतीय प्रधानमंत्री हूं, जिसकी अगवानी के लिए आप दो बार राजधानी (बीजिंग) से बाहर आए.’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अगला अनौपचारिक शिखर बैठक 2019 में भारत में आयोजित करने की पेशकश की. इसपर चीनी राष्ट्रपति ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की.

राष्ट्रपति शी ने कहा कि दोनों देशों ने हाल के वर्षों में करीबी साझेदारी कायम की और सकारात्मक प्रगति की है. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्षों में हमने बहुत कुछ हासिल किया है. हम कई मौकों पर एक दूसरे से मिले हैं.’’

शी ने मोदी से कहा, ‘‘दोनों देशों ने करीबी साझेदारी कायम की और सहयोग किया. हमने सकारात्मक प्रगति की है. भारत और चीन दोनों देशों की संयुक्त आबादी 2.6 अरब है जिसमें विकास के लिए जबर्दस्त क्षमता है. इन दोनों देशों का प्रभाव क्षेत्र और विश्व में बहुत तेजी से बढ़ रहा है.’’

शी ने कहा कि भविष्य में उन्हें विश्वास है कि दोनों नेता समय-समय पर इस तरह से मिलते रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि हम आम समझ विकसित कर सकेंगे और चीन-भारत संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने में मदद कर सकें.’’

2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी की चीन की यह चौथी यात्रा है. उनकी चीन की फिर से एक यात्रा प्रस्तावित है. वह नौ जून से 10 जून तक किंगदाओ शहर में आयोजित होने वाले एससीओ सम्मेलन में भाग लेने जा सकते है.