नई दिल्ली: कुशीनगर में स्कूली वैन हादसा कितनी हृदयविदारक थी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ परिवारों के आंगन में खलने के लिए बच्चे ही नहीं बचे. विशुनपुरा थाने के पडरौन मडुरही के रहने वाले हैदर के घर में दो बेटे थे, कामरान और फरहान. गुरुवार को दुदही मानवरहित क्रासिंग हादसे में दोनों भाईयों की मौत हो गई. शुक्रवार को जब दोनों का जनाजा एक साथ उठा तो देखने वाले भी रो उठे.

बता दें पिता हैदर दुबई में काम करते हैं. बच्चों की मौत के खबर पर आज गांव पहुंचे पिता ने बेटों के जनाजे को कंधा देते समय खुद को रोक न सके. आंखों से दर्द आंसू के रूप में छलक ही गया. घर में सिर्फ दो ही लाल थे. ननिहाल में भी बच्चों के नाम पर कामरान और फरहान ही थे. अब दोनों घरों में हंसी-ठिठोली करने वाला भी कोई नहीं बचा. एक झटके में पूरा का पूरा हंसता खेलता परिवार बर्बाद हो गया.

मां का रो-रोकर बुरा हाल है. आस-पड़ोस में भी मातम छाया हुआ है. मां का सिर्फ यही कहना है, बेटों का क्या कसूर था? यह कहकर वह बेहोश हो जा रही है. वाकई हादसे में मारे गए बच्चों की क्या गलती थी? यह सवाल हर कोई पूछ रहा है.

जैसे कामरान और फरहान का जनाजा उठा एक बार फिर चीख पुखर मच गई. मौके पर मौजूद सैकड़ों लोग एक दूसरे को तसल्ली दे रहे थे. सुपर्द-ए-खाक के दौरान भी मातम छाया रहा.