लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रतापगढ़ में एक दलित के घर खाना खाने को दिखावा बताया है. मायावती ने योगी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दलित अब ज्यादा दिन बेफकूफ बनने वाले नहीं हैं, बीजेपी की सच्चाई अब सामने आ चुकी है.
मायावती ने कहा कि पहले कांग्रेस के नेता दलितों के घर-घर जाकर मुफ्त की रोटी तोड़ते थे, अब बीजेपी के नेता भी खाना खाने आदि की नाटकबाजी कर गरीब दलित का आटा गीला करने का काम कर रहे हैं. ऐसा लोग मानते हैं. मायावती ने कहा कि वास्तविकता ये है कि नाम के लिए घर केवल दलित का होता है, लेकिन खाना आदि सभी गैर दलित वर्ग यानी उच्च वर्ग के घरों से ही तैयार होकर आता है. वहीं क्या इससे दलितों के जीवन में कोई भी फर्क पड़ता हुआ दिखा? नहीं. इसलिए इसे सत्ताधारी पार्टी की नाटकबाजी नहीं तो और क्या कहा जाएगा?
मायावती ने कहा कि कुल मिलाकर रोजगार देने की बजाए बीजेपी के शीर्ष नेता दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ा वर्ग और अपरकास्ट के गरीबों का राजनीतिक इस्तेमाल व शोषण कर रहे हैं. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी को समझ लेना चाहिए कि ये वर्ग इनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल को भारत बंद की सफलता से घबराकर बीजेपी की सरकारों की पुलिस कार्रवाई ये साबित करती है कि इनका रवैया कितना हीन, घोर जातिवादी व विद्वेषपूर्ण है.
मायावती ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विभिन्न संगठनों को आगे कर दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों में फूट डालने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इन वर्गों की सजगता व संघर्ष को देखकर यह स्पष्ट है कि बीजेपी व पीएम नरेंद्र मोदी की दाल नहीं गल पा रही है. न ही आगे गलने वाली है.
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