नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के द्वारा भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने वाला प्रस्ताव खारिज होने से नाराज पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने इसे गैर कानूनी और असंवैधानिक बताया है. मीडिया से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. उन्होंने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के फैसले पर कहा कि अगर वह तकनीकी पक्ष जानने के लिए वकीलों से बात भी कर लेते तो शायद यह फैसला नहीं लिया जाता.
गौरतलब है कि भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और संविधान के जानकारों से चर्चा के बाद उपराष्ट्रपति ने ये फैसला लिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीजेआई के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार पाए गए, जिसके बाद प्रस्ताव खारिज किया गया. दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति को नोटिस दिया था. विपक्ष के प्रस्ताव पर 7 दलों के 64 सांसदों ने साइन किए थे.
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, नायडू ने याचिका को मंजूर या ठुकराने को लेकर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मल्होत्रा सहित अन्य विशेषज्ञों से कानूनी राय ली थी.
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