मेडिकल कालेज से पैसे के अभाव में चिकित्सकों ने मरीज को लौटाया

सुल्तानपुर । पैसे की भूख के चलते संवेदनहीन बने चिकित्सक भगवान के
बजाय यमराज की भूमिका अदा करने लगे हैं। हालात इस कदर खराब हो गए हैं कि
अब मेडिकल कॉलेज में तैनात धरती के भगवानों को भी पैसे की चाह इस कदर हो
गई है कि पैसा नहीं देने पर दुर्घटना में घायल युवक को मेडिकल कॉलेज के
डॉक्टरों ने पैसे के अभाव में डिस्चार्ज कर दिया और घर पहुँचने से पहले
उस गरीब की साँसे थम गयीं।

हफ्ते भर से घायल दलित का इलाज लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में हो रहा
था। तंग हाल परिजनो से अस्पताल प्रशासन ने लिखवा लिया कि अब वह मरीज को
घर ले जाना चाहते हैं। इलाज करा रहे गरीबी दलित नीलेश (30) सुत रामदुलारे
कोरी निवासी मंसा का पुरवा-नौगवां तीर थाना कुड़वार को परिजन बीती रात
लौट रहे थे। लेकिन उसने दम तोड़ दिया। शोकाकुल परिजनों के साथ खड़े ग्राम
प्रधान सज्जन सिंह ने ही मेडिकल कालेज से पिकअप उपलब्ध करवाया था। बतातें
चलें कि साइकिल सवार नीलेश गत 12अप्रैल 2018 को क्षेेत्र स्थित प्रतापपुर
के पास एक मोटरसाइकिल से टकरा गया था। यहां के डॉक्टर उसको मेडिकल कॉलेज
लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था। बीती रात पैसे के अभाव में वहां से उसको घर
के लिए डिस्चार्ज कर दिया। इससे पहले कि वह घर पहुंच पाता रात को लगभग
2.30 बजे उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। घर के चिराग के बुझने से परिजन
गहरे सदमे में है। मृतक अपने पीछे पत्नी समेत दो बच्चे उमेश (10)और अमित
(05)को छोड़ गया। बतातें है कि मृतक के कच्चे मकान के सिवा कोई अचल
संपत्ति नही थी। कहना अतिश्योक्ति नही होगा कि उसकी मौत ने पूरे स्वास्थ
सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है। हालांकि सूचना मिलते ही कुड़वार की
मित्र पुलिस ने मुकद्दमा पंजीकृत कर गरीब के शव को पंचनामा के लिए भेज
दिया है कि शायद आलाहाकिम मुआवजे का कुछ बन्दोबस्त परिजनों के लिए कर
सकें।