लखनऊ: अंबेडकर महासभा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर ‘दलित मित्र’ अवॉर्ड से सम्मानित किया था। यूपी के सीएम ने अब महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल को इसका तोहफा दिया है। निर्मल को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का नया अध्यक्ष बनाया गया है। उनकी ही अध्यक्षता में योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र से सम्मानित करने का फैसला किया गया था। निर्मल के के इस फैसले का महासभा के दो संस्थापक सदस्यों ने विरोध किया था। हरीश चंद्र अैर एसआर. दारापुरी ने वार्षिक महासभा (एजीएम) बुलाने की मांग की थी, ताकि लालजी प्रसाद के खिलाफ अनुशासनात्‍मक कार्रवाई की जा सके। दोनों सदस्‍यों ने कहा था कि अंबेडकर महासभा के अध्‍यक्ष ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए सीएम योगी को सम्मानित करने की घोषणा की थी। अंबेडकर महासभा के दोनों आजीवन सदस्‍यों का आरोप था कि प्रदेश की मौजूदा सरकार में दलितों के खिलाफ अत्‍याचार के मामले बढ़े हैं। हालांकि, लालजी प्रसाद ने हरीश चंद्र और दारापुरी के दावों का खंडन किया था।

‘योगी दलितों के लिए ज्यादा काम कर रहे’: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र से सम्मानित करने के दौरान समारोह स्थल पर विरोध भी किया गया था। दलित समुदाय के हितों के लिए संघर्ष करने वाले लोगों ने सीएम योगी को सम्मानित करने का पुरजोर विरोध किया था। प्रदर्शनकारी अंबेडकर महासभा के कार्यालय में जबरन घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मुख्य द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इस दौरान लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा था, ‘योगी दलितों के लिए उनसे कहीं ज्‍यादा काम कर रहे हैं जो मूर्तियां बनवाने पर अपना ध्यान रखते हैं। योगी एक दिन सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठेंगे।’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को राज्यपाल राम नाईक ने दलित मित्र का सम्मान दिया था।