सुलतानपुर। अमहट में जुलूस-.ए-शबीह सफर मदीना बहुत कामयाब रहा। सोमवार को
जामा मस्जिद अमहट में सुबह 10 बजे एक मजलिस का आयोजन किया गया जिसको
मौलाना अब्बास इरशाद लखनवी ने खेताब किया। इसके बाद जुलूस शबीह सफर
मदीना जामा मस्जिद से उठकर अमहट चैराहे से होता हुआ दरगाह हजरत अब्बास
अ.स. गभड़िया तक लाया गया और यहाँ पर सुलतानपुर की सभी अंजुमनों ने मिलकर
नौहा मातम किया। दौराने जुलूस मौलाना मोहम्मद जाफर. मौलाना मुशीर अब्बास.
मौलाना असदयावर बिहार. मौलाना कल्बे. हसनैन. मौलाना बबर अली. मौलाना नकी
रजा. मौलाना शकील अहमद. मौलाना फैज अब्बास ने तकरीर की। याद रहे आज 1400
साल पहले जब यजीद जैसे आतंकवादी शासक ने इस्लाम और इंसानियत को मिटाने की
कोशिश की तो मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन अ.स. ने 28 रजब सन्
60 हिजरी को अपने पूरे घराने के साथ मदीने से करबला का सफर किया और दस
मोहर्रम सन 61 हिजरी को करबला के मैदान में अपने 72 साथियों की कुर्बानी
पेश करके इस्लाम और इंसानियत को बचाया था। यह जुलूस उसी याद में हर साल
निकाला जाता है। रास्ते में जायरीनों के लिए जगह जगह पर शरबत पानी. चाय
दूध की सबीलें लगाई गयीं थीं। काले बैनरों व झण्डियों से गमगीन माहौल
दिखाई दे रहा था। आवागमन के लिए पुलिस प्रशासन की उत्तम व्यवस्था से
जुलूस बहुत कामयाब रहा। इस ऐतिहासिक जुलूस में सुल्तानपुर के अलावा
अन्य.जनपदों से भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया। जुलूस समाप्त होने पर
हैदर अब्बास खाँ अघ्यक्ष हुसैनी शिया वेलफेयर एसोसिएशन सुलतानपुर ने
पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया।