मुंबई: शिवसेना को शांत करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रयासों और प्रस्ताव के बावजूद पार्टी ने कहा है कि चुनावों में ‘अकेले उतरने’ की उसकी रणनीति में कोई बदलाव नहीं होगा. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने छह अप्रैल को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि भाजपा को इस बात की उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना राजग में बने रहेगी. शाह ने कहा था, ‘वे (शिवसेना) अभी हमारे साथ सरकार में हैं. यह हमारी प्रबल इच्छा है कि वह हमारे साथ बने रहें.’

शिवसेना ने इस साल जनवरी में घोषणा की थी कि आगामी लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पार्टी भाजपा के साथ नहीं लड़ेगी और अकेले मैदान में उतरेगी. महाराष्ट्र और केंद्र की भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में शिवसेना शामिल है लेकिन दोनों सरकारों की नीतियों और फैसलों की पार्टी अक्सर आलोचना करती रहती है.

शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने कहा है कि भाजपा ने अचानक अपना सुर बदल लिया है और अब वह राजग में अपने सहयोगियों के बारे में बातचीत कर रही है. शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था , ‘2019 में भी हम राजग की सरकार बनायेंगे और भाजपा (अपने दम पर लोकसभा चुनावों में) बहुमत के साथ जीत हासिल करेगी.’

ठाणे में शनिवार रात देसाई ने जनसभा में कहा, ‘हमेशा अपने दम पर सत्ता में आने का दावा करने वाली भाजपा को अब अपने दोस्तों की याद आ रही है. पिछले छह महीने में इनका सुर बदल गया है. अब यह राजग के बारे में बात कर रही है.’ उन्होंने कहा कि ठाकरे राज्य में और पार्टी में सबसे लोकप्रिय नेता हैं. उनके नेतृत्व में पार्टी अपने दम पर महाराष्ट्र की सत्ता में लौटेगी.

शिवसेना नेता ने कहा, ‘पार्टी प्रमुख कह चुके हैं कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे और सभी शिवसैनिकों को इस लक्ष्य की दिशा में काम करना चाहिए.’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की एक नीति है कि पहले वह अपने सहयोगियों का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करती है और बाद में उन्हें निकाल फेंकती है.

देसाई ने कहा ‘गोवा में उन्होंने अपनी जड़ें जमाने के लिए महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) का उपयोग किया और महाराष्ट्र में उन्होंने शिवसेना की मदद से अपना आधार बढ़ाया. लेकिन शिवसेना एमजीपी नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘केवल शिवसेना ही नहीं, बल्कि पूरा देश भाजपा का अहंकार देख रहा है.’