लखनऊ: : उत्तर प्रदेश में बिजली क्षेत्र में निजीकरण को लेकर सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. गुरुवार को सरकार ने बिजली कर्मचारियों की मांगों को मानते हुए अपना फैसला वापस ले लिया है. इसी के साथ बिजली कर्मचारियों ने भी जारी आंदोलन को वापस ले लिया. प्रमुख सचिव ऊर्जा और संघर्ष समिति के बीच आठ घंटे तक चली वार्ता के बाद लिखित समझौता हुआ. जिसमें सरकार ने कर्मचारियों की मांगे मान ली.

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा की मौजूदगी में पावर कॉरपोरेशन प्रबन्धन से हुई बातचीत के बाद लिखित समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. समझौते पर प्रबंधन की ओर से प्रमुख सचिव (ऊर्जा) एवम् अध्यक्ष उप्र पावर कॉरपोरेशन लि. आलोक कुमार, प्रबन्ध निदेशक अपर्णा यू और निदेशक कार्मिक एसपी पाण्डेय ने हस्ताक्षर किए.

वहीं संघर्ष समिति की ओर से शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, जीके मिश्रा, ए के सिंह, गिरीश पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, सुहैल आबिद, विपिन प्रकाश वर्मा, राजेन्द्र घिल्डियाल, परशुराम, पी एन राय, पूसे लाल, ए के श्रीवास्तव, महेन्द्र राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, करतार प्रसाद, राम प्रकाश, जटाशंकर मिश्र, अंकुर भारद्वाज, संदीप अग्रवाल, ओपी सिंह, अजय द्विवेदी, शशांक चैधरी, राहुल सिंह, के एस रावत, पी एन तिवारी, आर एस वर्मा, डीके मिश्रा, पवन श्रीवास्तव, शम्भू रत्न दीक्षित, कुलेन्द्र प्रताप सिंह, मो इलियास ने हस्ताक्षर किए.