रिपोर्ट-अमन वर्मा

सुलतानपुर । जिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्सकों का मरीजों के प्रति
व्यवहार जल्लादों जैसे हो गये हैं । खुल्ला खेल पैसा दो काम लो की तर्ज
पर चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे हैं । नॉन प्रैक्टिस भत्ता सरकार से
लेने के बाद भी जिला अस्पताल में मरीजो को अपने निजी नर्सिंग होम में ले
जाकर पहले तो जांच के नाम पर उनका आर्थिक शोषण करते हैं और फिर बाद में
दवा इलाज के नाम पर जमकर आर्थिक शोषण करते हैं जो मरीज इनके निजी नर्सिंग
होम में इलाज कराने नहीं जाता उसके प्रति चिकित्सकों का व्यवहार जल्लादों
जैसा ही होता है ।

जिले के थाना धमौर क्षेत्र के त्रिलोकपुर गांव निवासी रामराज की पत्नी
श्रीमती धनपति को मधुमखियों ने काट लिया था। जिसके इलाज के लिए रामराज ने
अपनी पत्नी को गम्भीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया । जहाँ
श्रीमती धनपति की गम्भीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल के आपदा वार्ड
के बेड नः 1 पर भर्ती किया गया और महिला धनपति मौर्या (45) पत्नी रामराज
का इलाज सर्जन डॉ राजेश गौतम ने शुरू किया । बताते हैं कि सर्जन डॉ
राजेश गौतम ने पहले तो उस महिला के तीमारदारों से अपने निजी अस्पताल में
भर्ती होकर दवा कराने को कहा लेकिन महिला के तीमारदारों ने पैसे न होने
की बात बताई । इस पर सर्जन डॉ राजेश गौतम ने कहा कि इसका आपरेशन होगा ।
बिना ऑपरेशन के ठीक नहीं होगा । परिजनों ने ऑपरेशन के लिए हामी भर दी।
सर्जन डॉ राजेश गौतम ने उस महिला का ऑपरेशन कर दिया । लेकिन 4 – 5 दिनों
बाद ही उसमें सड़न पैदा हो गई । महिला के परिजनों ने ऑपरेशन में सड़न होने
की जानकारी सर्जन डॉ राजेश गौतम को दी । डॉ गौतम ने कहा कि मैं पहले ही
बोल दिया था कि इसका ऑपरेशन मेरे निजी नर्सिंग होम में ही सम्भव है । अब
मैं कुछ नहीं जानता चाहे सड़न हो या कुछ भी अब मैं नही जानता । मरीज के
परिजन का आरोप है कि आपरेशन के बाद से डा0 राजेश गौतम मरीज को देखने तक
नही आए। जिसको देख कर आप भी अंदाज लगा सकते है। कैसे होता है । मरीजों
के जीवन के साथ खिलवाड़ बहरहाल शिकायत पर सीएमएस डॉ योगेंद्र यति के
निर्देश पर महिला का इलाज शुरू हो गया है ।